राज्य सरकार ने बालोद जिले को आधिकारिक रूप से बाल विवाह-मुक्त घोषित किया है और इसकी सभी 436 ग्राम पंचायतों तथा नौ शहरी निकायों को औपचारिक प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। सरकार के अनुसार पिछले दो वर्षों में बालोद जिले में बाल विवाह का कोई मामला सामने नहीं आया है।सीएम साय ने इस उपलब्धि पर कहा कि बाल विवाह के उन्मूलन को राज्य सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि राज्य का बालोद जिला देश का पहला बाल विवाह-मुक्त जिला बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाल विवाह-मुक्त भारत अभियान के तहत, जो 27 अगस्त 2024 को आरंभ हुआ था, छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
राज्य सरकार ने बालोद जिले को आधिकारिक रूप से बाल विवाह-मुक्त घोषित किया है और इसकी सभी 436 ग्राम पंचायतों तथा नौ शहरी निकायों को औपचारिक प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं।
सरकार के अनुसार, पिछले दो वर्षों में बालोद जिले में बाल विवाह का कोई मामला सामने नहीं आया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर कहा कि बाल विवाह के उन्मूलन को राज्य सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनका लक्ष्य 2028-29 तक पूरे राज्य को बाल विवाह-मुक्त घोषित करना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि बालोद की सफलता यह दर्शाती है कि जब समाज और सरकार मिलकर काम करते हैं तो बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त किया जा सकता है।
उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय प्रशासन, जन प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और समुदाय के सामूहिक प्रयासों को दिया। इससे पहले सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को भी इसी कारण बाल विवाह-मुक्त घोषित किया गया था।