सत्यपाल मलिक के करीबियों के 12 ठिकानों पर सीबीआई रेड

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के इंश्योरेंस और किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट स्कैम से जुड़े केस में सीबीआई ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान में 12 ठिकानों पर छापेमारी की।
तलाशी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सुनक बाली के घर भी हुई। मलिक ने इस पर कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई इस मामले में शिकायतकर्ता को परेशान कर रही है। सुनक बिना किसी सरकारी वेतन के जम्मू-कश्मीर में मेरे सेक्रेटरी थे।
ये मामला तब सामने आया था जब सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से लेकर 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। मलिक ने खुद इस मामले की शिकायत की थी।
उन्होंने कहा था कि फाइलों को मंजूरी देने के बदले उन्हें 150-150 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। सीबीआई ने इस पर केस दर्ज किया था। सत्यपाल मलिक के भी बयान दर्ज किए थे।
सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार की काफी आलोचना करते रहे हैं। ये बात उन्होंने तब कही थी, जब वह 2021 में मेघालय के राज्यपाल थे।

क्या है इंश्योरेंस स्कैम मामला
मलिक ने जिन दो फाइलों का जिक्र किया था, उसके बारे में कभी खुलकर नहीं बताया। रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यपाल मलिक सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और पत्रकारों के लिए लाए गए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी एक फाइल का जिक्र कर रहे थे। इसमें अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी शामिल थी।
मलिक ने रिलायंस के साथ डील कैंसिल कर दी थी
बाद में मलिक ने कुछ गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी। दो दिन बाद गवर्नर ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को इस डील की जानकारी देते हुए कहा था कि वो इस कॉन्ट्रैक्ट की तह तक जांच-पड़ताल करे कि क्या इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है?

आरएसएस का भी लिया था नाम, फिर मांगी थी माफी
इश्योरेंस स्कैम मामले में मलिक ने एक कार्यक्रम में आरएसएस का भी नाम लिया था। इस बात का जिक्र उन्होंने पिछले साल 17 अक्टूबर को राजस्थान के झुंझुनू में एक सम्मान समारोह में किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इंश्योरेंस वाली डील में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का एक पदाधिकारी भी शामिल था।
बाद में भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में मलिक ने राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) से माफी मांग ली थी। मलिक का कहना था कि 300 करोड़ रुपए की रिश्वत ऑफर किए जाने के मामले का आरएसएस से कोई मतलब नहीं। उनसे गलती हो गई और वे माफी चाहते हैं।

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