भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। बीजेपी के संविधान के अनुसार 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। पुडुचेरी और मिजोरम में नए अध्यक्ष बनाए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि पार्टी जल्द ही अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्थान पर नए अध्यक्ष के चयन की ओर बढ़ रही है।
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी शुरू हो सकता है जब 37 में से कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो चुका हो। सोमवार तक 16 राज्यों में नए अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं और मंगलवार को यह संख्या 19 पार कर जाएगी, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया का रास्ता साफ हो जाएगा।
पुडुचेरी में वी पी रामलिंगम और मिजोरम में के बिछुआ को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में केवल एक-एक नामांकन हुआ है, जिससे मंगलवार को उनका औपचारिक निर्वाचन तय है।
किसे कहां मिली ज़िम्मेदारी
तेलंगाना में रामचंदर राव
आंध्र प्रदेश में पी वी एन माधव
महाराष्ट्र में विधायक रविंद्र चव्हाण
उत्तराखंड में मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को फिर से मौका मिलेगा
मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में भी जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं
जातीय संतुलन और संगठन निर्माण पर जोर
तेलंगाना में रामचंदर राव के चयन पर पार्टी के फायरब्रांड नेता टी राजा सिंह ने नाराज़गी जताई और इस्तीफा दे दिया। वहां संगठन में खींचतान को संतुलित करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आंध्र प्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनटी रामाराव की बेटी पुरंदेश्वरी की जगह माधव को अध्यक्ष बनाया गया है। यह फैसला संगठन को मज़बूत करने की दृष्टि से लिया गया है, क्योंकि वहां बीजेपी, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की सहयोगी जरूर है लेकिन खुद चुनावी दृष्टि से कमजोर है।
उत्तराखंड में BJP
भाजपा ने जातीय संतुलन का भी ध्यान रखा है, रामचंदर राव ब्राह्मण हैं जबकि माधव पिछड़ी जाति से आते हैं। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (ठाकुर) के बाद अब अध्यक्ष पद पर महेंद्र भट्ट (ब्राह्मण) को रखा गया है। महाराष्ट्र में रविंद्र चव्हाण एक प्रभावशाली मराठा समुदाय से आते हैं।