शाहजहांपुर। नवादा इंदेपुर स्थित बाल सुधार गृह में गुरुवार को भाईदूज का पर्व इस बार कुछ अलग अंदाज में मनाया गया। समाजसेवियों के स्नेह और अपनत्व से सजा यह आयोजन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और हृदय में खुशी की तरंगें बिखेर गया।
समाजसेवी हरिशरण बाजपेई के सानिध्य में हुए इस कार्यक्रम में बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भाईदूज पर्व मनाया। अवसर पर पं. डॉ. कान्हा कृष्ण शुक्ल व अंकुर शुक्ल की टीम ने सहयोग करते हुए बच्चों के साथ समय बिताया, उन्हें स्नेहपूर्वक भोजन परोसा और त्योहार की खुशियाँ साझा कीं।
बाल सुधार गृह का वातावरण लजीज व्यंजनों और मिठाइयों की खुशबू से महक उठा। बच्चों की खिलखिलाती हँसी और उल्लास ने माहौल को भावनात्मक बना दिया। समाजसेवियों ने कहा कि त्योहार केवल रस्में नहीं, बल्कि संवेदना और प्रेम के संचार का माध्यम हैं।
इस अवसर पर हरिशरण बाजपेई ने कहा कि “बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देख मन गदगद हो उठा। समाज के हर व्यक्ति को ऐसे अवसरों पर इन बच्चों के बीच जाकर उन्हें अपनत्व का अहसास कराना चाहिए। वहीं पं. डॉ. कान्हा कृष्ण शुक्ल ने कहा बच्चों को खुशियाँ देने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यही सच्ची सेवा और समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है।
कार्यक्रम में अलका अरोड़ा, अंकुर शुक्ल, अंशिका शुक्ला, सुरेंद्र सेठी, विकास शुक्ल, नूपुर, संस्कृति, अनूप शुक्ल, श्रवण शर्मा, नारायणी शुक्ला, वैष्णवी, नवनीश, पवन सहित कई समाजसेवी मौजूद रहे। भाईदूज का यह पर्व बाल सुधार गृह के बच्चों के लिए केवल एक त्योहार नहीं बल्कि संवेदना, ममता और मुस्कान से सजी एक अविस्मरणीय याद बन गया।





