बाबा सदनशाह के 106वें उर्स का मुशायरे से हुआ आगाज

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अवधनामा संवाददाता

आज नफरत के चरागों को बुझा कर रख दो,काबा ओर काशी के झगड़ों को मिटा कर रख दो,

ललितपुर। कौमी एकता के प्रतीक अजीमुश्शान हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्लाह अलैह का इस वर्ष 106 वाँ उर्स का मुशायरे से आगाज हो गया है। आल इंडिया कौमी एकता मुशायरे की अध्यक्षता शिशिर कांत चौबे सचिव विधानसभा म.प्र. व मेहमाने खुसूसी भारतीय सद्भावना मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार रहे ।उर्स कमेटी के मुख्य संरक्षक राज्य मनोहर लाल पंथ ने कहा शमा रोशन कर मुशायरे का आगाज किया।इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश निरंजन, सदर विधायक रामरतन कुशवाहा जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन चूना मौजूद रहे ! मुशायरा शुरू होने से पहले शहर के मौलाना व हाफिजों ने खुदा व नवी की शान में हम्द शरीफ व नात शरीफ पेश की।
मुशायरे में तशरीफ़ लाये मेहमान शायरों और कवियों ने कलाम पेश करते हुए बाबा के दरबार में खिराजे अक़ीदत पेश की।शायर शकील आरफी और इकबाल अजहर ने पहले नात शरीफ पेश करते हुए नवी की शान पढ़ा “सिर्फ इतना चाहता हैए दीवाना या नवी आपके दर पे हो मेरा आना जाना या नवी” हस्र तक बटता रहेगा कम नही होगा कभी आप लेकर आये हैं इतना खजाना या नवी” इसके बाद मशहूर शायर अबरार कासिफ अमरावती महाराट्र ने मुशायरे की महफ़िल में शमा बांध दिया उन्होंने अपने अंदाज में पढ़ते हुए सुनाया ” सवाल में नहीं रहे जबाब से निकल गए,वो जो अजीम थे किताब से निकल गए,वो खुशबुओं की बात तो बहुत पुरानी बात है,नया ये है रंग भी गुलाब के निकल गए”जौहर कानपुरी ने अपनी शायरी शुरू करने से पहले जिले कौमी एकता की मिसाल देते हुए हिन्दू मुस्लिम भाइयों को नवरात्रि व रमजान की मुबारकबाद देते हुए शायरी अलग अंदाज शुरू की उन्होंने “साथ कहने को तो यहां एक जहां रहता है,फिर भी तन्हा इंसान बड़ा बैचैन रहता है,वक्त वो भी था जब सब साथ रहा करते थे,अब तो एक परदेश तो कोई दूजे शहर में रहता है,और सिर्फ चहरे से यूं खुशी का अंदाजा न लगा,वो खुश मिजाज है पर बड़ा संजीदा रहता है,सुनकर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाईं।
शाहिद अंजुम ने अपनी शायरी में ” आज नफरत के चरागों को बुझा कर रख दो,काबा ओर काशी के झगड़ों को मिटा कर रख दो,
बे सबब दंगों फसादों की तरफ मत जाओ,होश में आओ कि शोलों की तरफ मत जाओ,जान लेना नहीं जान देना सीखो ,दुनियाँ में खुशी बांटने बाल बन जाओ,राम बाले हो तो वनवास नजर में रखो करवला वाले हो तो प्यास नजर में रखो। मुशायरे की महफ़िल सुबह करीब साढ़े चार बजे तक सजी रही। इस मुशायरे में सदारत अबरार कासिफ ने की ! कन्वीनर करीम असर व जहीर ललितपुरी रहे शायरों में शाहिद अंजुम, हाजी असरार चांदेरवी, राजीव रियाज, अफजल इलाहाबादी वसीम झंझानवी, शकील कुरैशी झाँसी, अबरार दानिश आदि शायरी से अपने-अपने श्रोताओं को बांधे रखा ! नायब सदर अब्दुल रहमान कल्ला ने सभी का आभार व्यक्त किया।मंच का संचालन प्रेस क्लब के जनरल सैकेट्री मोहम्मद नसीम व शाकिर अली,जनरल सैकेट्री अरमान कुरैशी ने सयुंक्त रूप से किया। इस मौके पर उर्स कमेटी के सदर हाजी बाबूबदरुद्दीन कुरैशी,जनरल सैकेट्री हाजी साबिर अली,रमजानी दादा ,अबरार अली सयोंजक प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले सप्पू मीडिया प्रभारी रिजबान उज्जमा, कोषाध्यक्ष हाजी अख्तर खान, उर्स रमजानी दादा,नायाब सदर आरिफ कुरैशी,समीरकान्त चौबे, राजू सिंधी सर्वर घड़ी साज,हमीद खाँ मंसूरी,सरफराज मेंबर,हाजी अतीक अहमद, हाजी सईद मंसूरी, पार्षद अब्दुल वारी, आसिफ कुरैशी, पार्षद,बाकिर अली पार्षद, मुस्तफा पार्षद, कोषाध्यक्ष हाजी अख्तर खान,इमरान मंसूरी, शाकिर मंसूरी, आसिफ पठान, मुशीर कुरैशी, यामीन वारसी, अज्जू बाबा के अलावा कमेटि के पदाधिकारी मौजूद रहे!

आज रहेंगे प्रख्यात कब्बाल

हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्ला अलैह की दरगाह पर आज दो अप्रैल को सरफराज चिश्ती कब्बाल सम्भल मुरादाबाद ,टीवी सिंगर इंटरनेशनल फेम कब्बाली पेश करेंगे।

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