70 हजार करोड़ से ज्यादा की हथियार खरीदेगी सेना

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रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी, 60 यूएच मरीन हेलिकॉप्टर, ब्रह्मोस मिसाइल भी डील में

नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार देश में बने मिलिट्री हार्डवेयर या डिफेंस इक्युपमेंट्स से संबंधित बड़ा फैसला किया। इसके मुताबिक, सेना के लिए 70,584 करोड़ के उपकरण खरीदे जाएंगे। यह फैसला डिफेंस अक्वजिशन काउंसिल यानी डीएसी ने किया है। इसके चेयरमैन डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह हैं।
डीएसी की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 60 मेड इन इंडिया यूएच मरीन हेलिकॉप्टर, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना के लिए 307एटीएजीएस हॉवित्जर तोप, 9एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर की खरीदी को मंजूरी दी गई है। यह फैसला इस लिहाज से भी अहम है कि तीन साल से पूर्वी लद्दाख में मौजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ तनाव जारी है।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए अब कुल 2,71,538 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। इसका 98.9त्न हिस्सा भारत में बने सामान खरीदने पर ही खर्च होगा। डीएसी ने एक खास प्रपोजल एक्सेपटेंस ऑफ नेसेसिटी को मंजूरी दी। यह पैसा इसी के तहत जारी होगा। यह एक स्पेशल प्रोग्राम है। इसका मकसद भारतीय या स्वदेश में बने उपकरण और हथियार शामिल होते हैं।
आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी पा सकेंगे
राजनाथ के ऑफिस की तरफ से सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा गया- इससे न सिर्फ इंडियन मैन्यूफेक्चरर्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकेग, बल्कि हम आत्मनिर्भर भारत को लक्ष्य को भी पा सकेंगे। सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि डिफेंस सेक्टर में फॉरेन वेंडर्स पर डिपेंडेंसी यानी निर्भरता काफी हद तक कम की जा सकेगी।
कोस्ट गार्ड को मिलेंगे चार हेलिकॉप्टर
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए 3800 करोड़ रुपए से ज्यादा के 9 धुव्र मार्क चार हेलिकॉप्टरों का अधिग्रहण किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना के लिए खरीदे जा रहे यूएच मरीन हेलिकॉप्टर और धुव्र हेलिकॉप्टर का ही एक वैरिएंट है, जो 2025-26 तक समुद्री सीमाओं की निगरानी और अन्य जरूरतों के लिए तैयार हो जाएगा।

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