उत्तर प्रदेश में जूनियर एडेड विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन 15 जून से शुरू हो रहे हैं। इच्छुक उम्मीदवार 5 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आखिरकार शुरू होने जा रही है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए, जिससे चार वर्षों से भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हजारों अभ्यर्थियों के चेहरे खिल उठे हैं।
जारी आदेश के अनुसार, प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक चयन परीक्षा 2021 के संशोधित परिणाम में सफल अभ्यर्थियों से रिक्त पदों पर चयन व नियुक्ति के लिए आनलाइन आवेदन 15 नवंबर से पांच दिसंबर तक लिए जाएंगे। आवेदन पत्र का प्रारूप, दिशानिर्देश, समय-सारिणी तथा अन्य सभी विवरण तीन नवंबर से विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।
इस भर्ती के तहत कुल 1894 पदों को भरा जाना है, जिनमें 1504 पद सहायक अध्यापक के और 390 पद प्रधानाध्यापक के हैं। इन पदों के लिए लगभग 43 हजार अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। भर्ती परीक्षा 17 अक्टूबर 2021 को आयोजित की गई थी। 15 नवंबर 2021 को परिणाम घोषित हुए थे, लेकिन अंकों की त्रुटियों और विसंगतियों को लेकर कई अभ्यर्थी हाई कोर्ट चले गए।
हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने 12 अप्रैल 2022 को एक समिति का गठन कर शिकायतों की जांच कराई। प्राप्त 571 शिकायतों में से 132 को सही पाया गया। इसके बाद छह सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम जारी किया गया। इसमें सहायक अध्यापक परीक्षा में सम्मिलित 2,71,071 अभ्यर्थियों में से 42066 और प्रधानाध्यापक परीक्षा में सम्मिलित 14931 में से 1544 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए।
अब स्कूल स्तर पर लागू होगा आरक्षण
इस भर्ती की एक विशेषता यह होगी कि इसमें विद्यालय स्तर पर आरक्षण व्यवस्था लागू की जाएगी। पहले एक जनवरी 2020 के शासनादेश में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं था। विधिक राय लेने के बाद विभाग ने निर्णय लिया है कि जिस तरह सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी भर्ती में आरक्षण लागू होता है, उसी तरह एडेड जूनियर हाई स्कूलों में भी इसे लागू किया जाएगा।
चार साल का लंबा संघर्ष
भर्ती प्रक्रिया में चार साल की देरी से अभ्यर्थियों में गहरा असंतोष था। लगातार आंदोलन और ज्ञापन के बावजूद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही थी।





