जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में प्रचार के लिए आये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा ये लोग किस मुंह से कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र लाएंगे? अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और नेहरू-गांधी परिवार ने 70 वर्षों तक यहां लोकतंत्र को कुचला।
चनैनी में आयोजित जनसभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने अफजल गुरु की फांसी की सजा के विरोध को लेकर उमर अब्दुल्ला पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हमारी देश की संसद पर जिस अफजल गुरु ने हमला करवाया, उसकी फांसी का यह लोग विरोध कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला साहब आप आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते रहिए लेकिन आतंक फैलाने का जवाब फांसी के तख्ते पर ही दिया जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में पंच और सरपंच के चुनाव हो चुके हैं और 40 हजार लोग अब लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले तीन राजनीतिक परिवारों ने नेपटिज़म को बढ़ावा दिया लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों से युवा अब निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद के इतिहास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि 40 साल तक यहां आतंकवाद का साया रहा, जिसमें 40 हजार लोग मारे गए। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया, जिसके बाद न तो पत्थरबाजी होती है और न ही गोलियां चलती हैं।
अमित शाह ने चेतावनी दी कि कांग्रेस और एनसी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से लाना चाहती हैं लेकिन हम आतंकवाद को पाताल तक दफन करके ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के रहते किसी में इतनी ताकत नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद लाए।