अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू

0
162

अमेरीका के प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया की शुरुआत करने की घोषणा की है। डेमोक्रेट्स ने औपचारिक तौर पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

वहीं, ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है। आरोपों में कहा गया है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वो ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें।

डोनाल्ड ट्रंप ने हालांकि इस बात को स्वीकर किया है कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी के बारे में बात की थी। नैन्सी पलोसी का ट्रंप के इस बर्ताव पर कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने संविधान का उल्लंघन किया है। पलोसी ने कहा कि इसमें राष्ट्रपति की जवाबदेही तय होनी चाहिए, कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं हो सकता है।

 

महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप को पद से हटाने के किसी भी प्रयास के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने ही राष्ट्रपति के खिलाफ जाए। अभी तक अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है।

वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाईडन ने भी ट्रंप के ऊपर महाभियोग चलाने का समर्थन किया है। बाईडन ने कहा कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना दुर्भाग्यपूर्ण होगा, लेकिन ये उनकी खुद के कृत्यों के चलते हो रहा है। जो बाईडन 2020 में होने राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं। महाभियोग पर ट्रंप ने कहा कि यह उनके लिए राजनीतिक रूप से सकारात्मक होगा।

बताया जा रहा है कि निचले सदन में 145 से 235 डेमोक्रेट्स महाभियोग के समर्थन में हैं। लेकिन महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो भी जाती है तो इसका रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है और ओपिनियन पोल दिखाते हैं कि अमरीका के मतदाताओं के बीच ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं है।

क्या हैं पूरा मामला?
पिछले हफ्ते खबर आईं थी कि अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की हैं।
इंडेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत को तत्काल ध्यान में लेने योग्य और विश्वसनीय माना था, उस शिकायत की कॉपी की डेमोक्रेट्स ने संसद में मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इसकी प्रति मुहैया कराने से इनकार कर दिया।

दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी।

हालांकि ट्रंप ने माना है कि उन्होंने जेलेंस्की से जो बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here