जमीन खरीददार पर जबरन कब्जा कर निर्माण कराने का आरोप

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अवधानामा संवाददाता

न विधिक बटवारा और न मानचित्र स्वीकृत के हो रहा कार्य
शासन-प्रशासन पर प्रभावी कार्यवाही न करने का आरोप
मंगलवार से घण्टाघर पर पत्नी समेत सत्याग्रह/अनशन करने की घोषणा

ललितपुर। खरीदी गयी जमीन में साझेदारों द्वारा अपना हिस्सा बेचे जाने एवं शेष बचे भाग पर क्रेता द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किये जाने के मामले में विगत पांच वर्ष 10 माह से लगातार पैरवी कर रहे ककरूआ-महेशपुरा स्थित श्रीगिरीराज जी शिक्षण संस्थान के प्रबंधक हाकिम सिंह ने सोमवार को एक पत्रकारवार्ता की। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस से लेकर शासन और डिप्टी सीएम तक अवैध कब्जे व निर्माण की शिकायत करने के बावजूद भी उन्हें न्याय आज तक नहीं मिला। इससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान है और कार्यवाही न होने से क्षुब्ध होकर उन्होंने घोषणा की है कि वह अपनी पत्नी शकुन्तला देवी के साथ 26 दिसम्बर से घण्टाघर पर सत्याग्रह/अनशन करेंगे।
पत्रकारवार्ता में श्रीगिरीराज जी शिक्षण संस्थान के प्रबंधक हाकिम सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में उन्होंने अपने साझेदार रागिनी अवस्थी पत्नी लक्ष्मीकांत अवस्थी व नीलम तिवारी पत्नी दिनेश तिवारी के साथ पत्नी शकुन्तला देवी के नाम से महेशपुरा-दावनी रोड स्थित गाटा संख्या 105/3 रकवा 5.00 एकड़ में से 4.00 एकड़ जमीन क्रय की थी। इसके बाद शेष बची एक एकड़ जमीन वर्ष 2007 में उन्होंने श्रीगिरीराज जी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रबंधक हाकिम सिंह पुत्र टोढ़ी सिंह ने क्रय की थी। बताया कि उक्त विद्यालय व जमीन में वह साझेदार हैं। बताया कि एक एकड़ में विद्यालय का निर्माण कराया गया, शेष बची 4 एकड़ में बागवानी, खेल मैदान व कृषि कार्य किया। बताया कि लगभग पांच वर्ष पहले उसके हिस्सेदार रागिनी अवस्थी व नीलम तिवारी ने अपने-अपने हिस्से की जमीन तालाबपुरा निवासी अमित जैन पुत्र वीरेन्द्र जैन एवं रीतेश कुमार पुत्र अखिलेश कुमार जैन को विक्रय कर दी। इस प्रकार 4 एकड़ में शकुन्तला देवी एवं अमित कुमार 1/3 एवं 2/3 के संयुक्त खाते में हिस्सेदार हैं। बताया कि उक्त जमीन का बिना किसी विधिक बटवारे के उनकी जमीन सहित अपनी जमीन पर उत्तर दिशा में अवैध रूप से चाहर दीवारी का निर्माण करा लिया, जिसे तत्समय रोका भी गया। साथ ही शकुन्तला देवी के कब्जे में खड़े अमरूद, आंवला व अन्य प्रजातियों के पेड़ काटकर बाउण्ड्री बाल व बेयर हाऊस का निर्माण कर लिया गया। मामले को लेकर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया गया, जिस पर 29 मई 2018 को दिये गये आदेश के बावजूद भी जबरन निर्माण कार्य कराते रहे। पीडि़त पक्ष ने न्यायालय परागनाधिकारी से निवेदन किया, जिस पर अग्रिम तिथि नियत करते हुये आदेश जारी किया, बावजूद इसके कार्य नहीं रूका। बताया कि बिना किसी मानचित्र को स्वीकृत कराये मौके पर निर्माण कार्य किया जा रहा था, जिस पर विनियमित क्षेत्र ने आदेश करते हुये 4 अगस्त 2018 को कोतवाली प्रभारी को निर्देशित करते हुये निर्माण रोकने के लिए निर्देशित किया। तब भी कार्यवाही नहीं की गयी। इसके अलावा 25 जून 2019 को उनके द्वारा विनियमित क्षेत्र नियंत्रक/जिलाधिकारी को पत्र देकर अवैध कब्जा रोकने के लिए पत्र दिया, जिस पर डीएम ने दोनों पक्षों से वार्ता की, जिसमें दूसरे पक्ष में स्वीकार किया कि वह बिना मानचित्र के निर्माण करा रहा है, जिस पर डीएम ने बिना मानचित्र स्वीकृति के चल रहे निर्माण कार्य को ध्वस्ती करण के निर्देश जारी किये। लेकिन बावजूद इसके कार्य नहीं रूका। 16 जुलाई 2019 को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम ने एसओ सदर को 145 की कार्यवाही के लिए निर्देशित किया, जिस पर 26 जुलाई 2019 तक यथा स्थिति आदेश रहा। उसके बाद फिर से कार्य शुरू करा दिया गया। बताया कि उनके द्वारा दिये गये शिकायती पत्र का निस्तारण भी बिना उनकी जानकारी के कर दिया गया। बताया कि छह वर्ष के कालखण्ड में उनके द्वारा सीएम हेल्पलाइन, आईजीआरएस, संपूर्ण समाधान दिवस, थाना दिवसों व डीएम-एसपी, एसडीएम को व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया, लेकिन आलाधिकारियों के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी कार्य नहीं रूका और न ही अवैध कब्जा हटाया गया। 16 सितम्बर को विपक्षियों द्वारा विद्यालय की ओर कुंआ तक पहुंचने के लिए पूर्व से लगे गेट के सामने दीवाल बना दी गयी, जिससे अब कुंए का पानी पीने के लिए भी नहीं ले पा रहे हैं। बताया कि मामले की जांच तत्कालीन उप जिलाधिकारी घनश्यादास वर्मा व तत्कालीन सीओ, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक द्वारा अवैध कब्जे से रोका गया। इसके अलावा वर्तमान में जिलाधिकारी के निर्देशानुसार उप जिलाधिकारी, सीओ सदर और शहर कोतवाल द्वारा जांच की जा चुकी है। लेकिन अभी तक आलाधिकारियों के निर्देश के बावजूद भी आज तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी। बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जीरो टोलरेंस की नीति अपनायी जा रही है, जिसकी धरातल पर हकीकत कुछ और है। उन्होंने कहा कि वह अब मानसिक रूप से काफी प्रताडि़त हो चुके हैं। इसलिए अब वह 26 दिसम्बर 2023 से अपनी पत्नी के साथ घण्टाघर मैदान पर सत्याग्रह/अनशन कर रहे हैं।

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