Saturday, May 4, 2024
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कृषि विश्वविद्यालय से खेती को मिलेगा नया आयाम, क्षेत्र का भी होगा चहुंमुखी विकास

अवधनामा संवाददाता

जिले की जलवायु के अनुरूप फसलों के बीज की नई-नई प्रजातियां की जाएंगी ईजाद

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नजदीक होने से अन्य देशों के वैज्ञानिकों के अनुभव का मिलेगा लाभ

कुशीनगर (अवधनामा ब्यूरो)। कल 10 मार्च को सीएम योगी कृषि विश्वविद्यालय का आधारशिला रखेंगे। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। कार्यक्रम को लेकर जनप्रतिनिधियों व अफसर लगातार जायजा ले रहे है। जिला प्रशासन ने मैत्रेय परियोजना की खाली पड़ी 145.82 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। उक्त विश्व विद्यालय निर्माण पर 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी स्थापना होने से जिले में खेती को नया आयाम मिलने वाला है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नजदीक होने से इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलने के साथ क्षेत्र का भी सर्वांगीण विकास होगा।

कुशीनगर जिले का कुल क्षेत्रफल 2,84,376 हेक्टेयर है। इसमें से 60,540 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य नहीं है, जबकि 2,23,836 हेक्टेयर भूमि खेती योग्य है। इसमें जिले के किसान मुख्य रूप से धान और गेहूं की खेती करते हैं। यहां के किसान करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि पर नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती करते हैं। इसके अलावा तिलहन और दलहन की खेती भी की जाती है। उपजाऊ के मामले में जिले की मिट्टी प्रदेश के अन्य जिलों से बेहतर मानी जाती है। इसके बावजूद किसानों को खेती से कोई खास आय नहीं होती है। कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय बनने के बाद इसका सीधा लाभ जिले के किसानों को मिलेगा। यहां पढ़ाई के साथ शोध कार्य भी होंगे, जिसमें जिले की जलवायु के अनुसार नई-नई प्रजातियों का बीज इजाद हो सकेगा। कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की मानें तो कुशीनगर के जलभराव वाले क्षेत्र में कई हेक्टेयर भूमि पर पूरे वर्ष पानी एकत्र रहता है। इससे उस भूमि पर किसान खेती नहीं कर पाते हैं। यही स्थिति पड़ोसी जनपदों के अलावा यूपी के सीमावर्ती प्रदेश बिहार के कई जिलों की है। यहां कृषि के अलावा पशुपालन विभाग भी होगा, जिससे किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में भी लाभ मिल सकेगा।

विश्व के अन्य देशों के वैज्ञानिकों का मिलेगा अनुभव

नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फैजाबाद के बाद कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय बनने वाला है। इस विश्वविद्यालय के लिए सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहां एनएच-28 के पास होने के अलावा कुशीनगर में बने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नजदीक होगा। यहां शोध समेत अन्य शैक्षिक भ्रमण पर विश्व के अन्य देशों के वैज्ञानिकों को आने में सहूलियत होगी। इसका भी लाभ विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को तो मिलेगा ही, जिले के किसानों को अन्य देश वैज्ञानिकों का अनुभव मिलेगा। इससे जिले के कृषि के अलावा पशुपालन के क्षेत्र में अमूल चूल परिवर्तन होगा।

बीजों की विकसित होगी नई प्रजाति

कुशीनगर में विभिन्न फसलों के बीज पंतनगर से आते हैं, जो जिले के जलवायु से मेल नहीं करते हैं। इससे उनकी बुआई करने पर तमाम तरह के रोग होते हैं, जिससे फसलों की पैदावार प्रभावित होती है। जिले के किसान गन्ना को नकदी फसल के रूप में उगाते हैं। इसके अलावा धान और गेहूं की फसल परम्परागत तरीके से करते हैं। विश्वविद्यालय खुलने के बाद जिले में उगाई जाने वाले सभी तरह की फसलों के अलावा औद्यानिक फसलों की नई-नई प्रजातियां विकसित होने के साथ ही वैज्ञानिक तकनीक से खेती को बढ़ावा मिलेगा।

तैयारियों का कृषि मंत्री ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद कुशीनगर में मैत्रेय प्रोजेक्ट कसया में प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुरूप विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटियां लगाकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न करवाने हेतु व अचूक सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत मंत्री, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उ.प्र. सुर्य प्रताप शाही, सांसद विजय दुबे एवं जनप्रतिनिधियों के साथ जिलाधिकारी कुशीनगर उमेश मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल द्वारा संयुक्त रुप से कार्यक्रम स्थल तथा हेलीपैड आदि के तैयारियों के सम्बन्ध में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था हेतु उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

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