गंडक नदी चेतावनी बिंदु के पार, तटवर्ती गांवों के लोगों में बढ़ी बेचैनी

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अवधनामा संवाददाता

पनियहवा में दोपहर तक जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की आई गिरावट

कुशीनगर। गंडक नदी इन दिनों चेतावनी बिंदु 95 मीटर को पार कर गई है। वाल्मीकिनगर बैराज से पानी छोड़ने के बाद खड्डा क्षेत्र के भैसहां गेज स्थल पर इसका जलस्तर 1.09 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। जलस्तर में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। उधर, तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में एपी बांध पर बाकखास के पास नवनिर्मित ठोकर का नोज धंस गया है। वैसे तो अभी गंडक नदी से तटवर्ती गांव सुरक्षित हैं, लेकिन हालात कभी भी बदल सकते हैं। गंडक नदी के रुख से भलीभांति परिचित बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

नेपाली जलग्रहण क्षेत्रों में रुक-रुककर हो रही बारिश का असर दिखने लगा है। 30 जून को शाम चार बजे वाल्मीकिनगर बैराज से गंडक नदी में केवल 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। एक जुलाई को दोपहर 12 बजे तक बढ़कर एक लाख 09 हजार क्यूसेक पहुंच गया। दो जुलाई को जलस्तर में कुछ कमी आई। दोपहर 12 बजे इसका जलस्तर 90 हजार 600 क्यूसेक था। डिस्चार्ज में उतार चढ़ाव के चलते खड्डा क्षेत्र के भैसहां गेज स्थल पर जलस्तर एक जुलाई को दोपहर 12 बजे चेतावनी बिंदु 95.00 मीटर से 8 सेंटीमीटर ऊपर 95.08 मीटर पर पहुंच गया। शाम चार बजे 95.10 मीटर हो गया। दो जुलाई को जलस्तर सुबह 8 बजे चेतावनी बिंदु से एक सेंटीमीटर नीचे 94.99 पर आया तो दोपहर 2 बजे पांच सेंटीमीटर नीचे 94.95 मीटर था। एक जुलाई को सुबह आठ बजे से दो जुलाई सुबह आठ बजे तक 44 मिली मीटर वर्षा इस क्षेत्र में रिकॉर्ड की गई है। जलस्तर चेतावनी बिंदु से थोड़ा ऊपर होने व डिस्चार्ज एक लाख क्यूसेक के आसपास होने के चलते बाढ़ प्रभावित मरचहवा, बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर, सालिकपुर, महदेवा आदि गांवों में कोई खतरा नहीं है। तटबंधों पर दबाव नहीं है, लेकिन लोग इस बात से चिंतित हैं कि नदी कभी भी उग्र हो सकती है।

2.45 करोड़ से बनाए गए एपी बांध ठोकर के नोज का एक हिस्सा धंसा

कुशीनगर। सेवरही क्षेत्र के बांकखास गांव के सामने एपी बंधा के किलोमीटर 9.600 पर नवनिर्मित ठोकर पर सोमवार को गंडक नदी का अचानक दबाव बढ़ गया। कटान के चलते ठोकर के नोज का एक हिस्सा धंस गया। बाकी हिस्से में दरारें उत्पन्न हो गईं। इससे आसपास के गांवों के लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। गांववालों का कहना है कि अभी गंडक नदी का डिस्चार्ज एक लाख क्यूसेक है। ऐसे में ठोकर के नोज का क्षतिग्रस्त हो जाना खतरे का संकेत है। यदि इसे समय रहते रोका नहीं गया तो डिस्चार्ज बढ़ने पर कभी भी स्थिति भयावह हो सकती है। इससे बंधे के साथ कई गांवों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से नरवाजोत बांध और एपी बांध पर नदी का दबाव बढ़ने लगा है। सोमवार को गंडक नदी का डिस्चार्ज एक लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। इससे गंडक नदी नरवाजोत, पिपराघाट, बिनटोली, जंगलीपट्टी, घघवा जगदीश, जवही दयाल, विरवट कोंहवलिया, बांकखास, बाघाचौर, नोनियापट्टी, कचहरी टोला, डीह टोला, अहिरौलीदान सहित कई स्थानों पर बांध और इस साल कराए गए परियोजना के कार्यो से टकरा कर बहने लगी है। इससे बांध पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि रविवार को नदी के दबाव व कटान के चलते एपी बांध के बांकखास गांव के सामने किलोमीटर 9.600 पर इस साल 2.45 करोड़ की लागत से बनाए गए ठोकर के नोज का एक हिस्सा धंस गया तो शेष हिस्से में दरार उत्पन्न हो गई। इससे बांध के किनारे बसे लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। बांध के किनारे बसे गांवों के शंभू यादव, संजय सिंह, पप्पू यादव, रामनरेश साह, कन्हैया यादव, सहदेव चौहान, बिग्गू मुसहर, गुड्डू यादव, अजीत यादव, रामअशीष का कहना है कि अभी बरसात का पूरा समय बाकी है। अभी डिस्चार्ज भी कम है। ऐसे में नवनिर्मित ठोकर के नोज के एक हिस्से का धंस जाना और शेष हिस्से में दरार पड़ जाना खतरे का संकेत है।बाढ़ खंड के एसडीओ रमेश यादव का कहना है कि किसी प्रकार के खतरे से निपटने की पूरी तैयारी है और बांध के सभी संवेदनशील जगहों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

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