प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग कर अपने विवेक और मंत्रमुग्ध आवाज से उपस्थित लोगों को तालिया बजाने के लिए किया मजबूर
महोबा। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर शनिवार को साईं कालेज ऑफ एजुकेशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इस वक्ताओं ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन प्रकाश डाला साथ ही उनके ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जाकर आदिवासी समाज को शोषण से मुक्त कराए जाने की उपलब्धियों से रूबरू कराया। इस मौके पर क्विज और भक्ति गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग कर अपने विवेक और मंत्रमुग्ध आवाज से उपस्थित लोगों को तालिया बजाने के लिए मजबूर कर दिया। क्विज प्रतियोगिता में छात्र मनीष कुमार तथा देश भक्ति गीत प्रतियोगिता में छात्रा जयंती ने प्रथम स्थान हासिल किया। साईं कालेज में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत प्राचार्य डॉ. एलसी अनुरागी, प्रशासनिक अधिकारी बीके साहू ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन और माल्यापर्ण के साथ किया गया।
प्राचार्य ने बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। उनके अनुयायियों का मानना था कि उनमें चमत्कारी शक्तियां थीं और उन्होंने अपनी संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए आदिवासियों को एकजुट किया, जिसका आदिवासी समाज आज भी उनके बलिदान और संघर्ष को याद करते हुए उन्हें मानते हैं।
कहा कि बिरसा ने ऐलान कर दिया कि सरकार खत्म, अब जंगल जमीन पर आदिवासियों का राज होगा। उन्होंने नारा दिया था कि अबुआ दिसुम, अबुआ राज। यानी हमारे देश पर हमारा राज होगा। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर क्विज व देश भक्ति गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
क्विज प्रतियोगिता में मनीष कुमार ने पहला, रेनू ने दूसरा व संदीप ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार देश भक्ति गीत प्रतियोगिता में जयंती न प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि नैंसी राणा ने द्वितीय व छात्र बृजेश तृतीय स्थान पर रहा। सभी विजेयी प्रतिभागियों को प्रशासनिक अधिकारी ने मैडल व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इस मौेक पर डॉ. मैराज खान, रविंद्र कुमार, मारूतिनंदन तिवारी, चंद्रेश साहू, भावना साहू, पूनम, रोमाना खान, अंजना, रजनी, अर्चना, शहनवाज सहित महाविद्यालय के तमाम छात्र छात्राएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण वाजपेयी ने किया ।





