मौदहा (हमीरपुर)। मौदहा कस्बे में भूमाफियाओं द्वारा ग्राम समाज की नवीन पर्ती भूमि (मीरा तालाब क्षेत्र) की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्व विभाग की शिकायत पर, सरकारी जमीन को बेचने और खरीदने के प्रयास में शामिल लोगों के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसे हुआ सरकारी भूमि का सौदा
पुलिस को दी गई तहरीर में राजस्व विभाग ने बताया कि मौदहा कस्बा के गाटा संख्या 213, 218 और 226 की भूमि राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से ग्राम समाज की संपत्ति के रूप में दर्ज है।
इसके बावजूद, बलराम पुत्र स्व. लल्लू ने इस सरकारी जमीन को बेचने का इकरारनामा (इकरारबय) साजिद अहमद और मो. आरिफ के पक्ष में किया। इस सौदे के लिए पंद्रह लाख रुपये का प्रतिफल तय किया गया, जिसमें से पाँच लाख रुपये बयाना (एडवांस) के रूप में लिए गए। यह भी तय हुआ कि दस लाख रुपये तीन साल के अंदर देकर जमीन पर कब्जा दिया जाएगा।
राजस्व को भारी क्षति पहुंचाने का प्रयास
तहरीर के अनुसार, जिस भूमि का सौदा किया गया, उस पर वास्तव में किसी निजी व्यक्ति का स्वामित्व नहीं है। गाटा संख्या 213 और 226 की भूमि पर नगर पालिका मौदहा का कब्जा है, जबकि गाटा संख्या 218 की भूमि ग्राम समाज के कब्जे में है।
राजस्व विभाग का कहना है कि यह पूरा कृत्य धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है, जिससे क्रेता और विक्रेता ने मिलकर सरकारी संपत्ति की अवैध बिक्री का प्रयास कर राजस्व को भारी क्षति पहुंचाने की साजिश रची।
पुलिस ने बलराम, साजिद अहमद और मो. आरिफ के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब इस पूरे मामले की गहन जाँच शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्ज़ा करने और उनकी बिक्री करने वाले भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है।





