अवधनामा संवाददाता
लखनऊ। के मोमिनीन की जानिब से “याद-ए-शोहदा” की मुनासिबत पर इस्लामी दुनिया के शहीदों की याद में एक रूहानी प्रोग्राम का इं’इक़ाद किया गया। जिसमें बैरूनी-ओ-मक़ामी उलेमा-ए-कराम और मोमिनीन शरीक हुए। शरीक होने वालों उलेमा में मौलाना क़ाज़ी मुहम्मद असकरी साहब, मौलाना अख़्तर अब्बास जौन साहब, मौलाना मंज़र सादिक़ साहब, मौलाना अक़ील अब्बास मारूफ़ी साहब, मौलाना इस्तिफ़ा रज़ा साहब, मौलाना हैदर अब्बास साहब और मौलाना मुशाहिद आलम साहब के अलावा दीगर उलमा, शोअरा-ए-कराम मौजूद रहे। इस प्रोग्राम में निज़ामत के फ़राएज़ जनाब अज़ादार हुसैन आबिदी साहब ने अंजाम दिए।
प्रोग्राम की इब्तिदा क़ारी-ए-क़ुरआन जनाब सफ़दर साहब ने तिलावते-क़ुरआन करीम से की। प्रोग्राम के दौरान शोहदा को ख़िराजे अक़ीदत-ओ-तहसीन पेश करते हुए जनाब अली मुहम्मद साहब ने तराना पढ़ा।
इस प्रोग्राम में शहीदों के जीवन पर आधारित बहुत ही ख़ूबसूरत प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें बच्चे, जवानों और बड़ों ने शहीदों की ज़िंदगी से न्याय और इंसाफ़ के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली। इस प्रोग्राम की सरपरस्ती मौलाना अख़्तर अब्बास जौन साहब ने की।