अवधनामा संवाददाता
लखीमपुर खीरी- किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर माह के तृतीय बुधवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन हुआ। इस दौरान मिलेट कार्यशाला भी आयोजित हुई, जिसमें जनपद में मिलेट (श्रीअन्न) का उत्पादन की कार्ययोजना पर चर्चा हुई।डीएम महेन्द्र बहादुर सिंह ने मौजूद किसानों की न केवल समस्याएं सुनी बल्कि निराकरण के संबंध में मौजूद अफसरों को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मौजूद किसानों से संवाद किया, किसानों से खेती किसानी से जुड़े विशेषज्ञों ने जरूरी जानकारी साझा की। डीएम ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निदान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शासन-प्रशासन करते संकल्पित होकर काम कर रहा है। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानपरक योजनाओं के जरिए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए नित नए कदम उठा रही है। डीएम ने जिले के निराश्रित गौवंशों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कहा कि कृषक भाइयों को इसमें सहयोग करना चाहिए। यदि गौवंश का पालन किया गया है तो उसको आवारा न छोड़ा जाए। इसके अतिरिक्त अच्छी खबर यह है कि बजाज चीनी मिल यूनिट गोला पलिया एवं खंभारखेड़ा द्वारा गत वर्ष का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है। इस वर्ष के भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यशाला में कृषकों से मिलेट (श्रीअन्न) साॅवा, कोदो, काकुन, मडुवा आदि के उत्पादन हेतु कृषकों से अह्वान किया।डीडी कृषि अरविन्द मोहन मिश्र ने अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अवसर पर कार्यशाला में कृषकों को अवगत कराया कि साॅवा, कोदो आदि के प्रसंस्करण हेतु जनपद स्तर पर यूनिट स्थापित कर सकते है। इसके लिए उद्यान विभाग से अनुदान की व्यवस्था है। इस अवसर पर कृषकों को कोदो से निर्मित खीर का वितरण किया। महाप्रबन्धक, डीसीबी ने बताया कि दो से 17 गाय/भैंस पालन के लिए ऋण की व्यवस्था है, जिसमें 9.5 प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इच्छुक कृषक जनपद में स्थिति सहकारी बैंकों में सम्पर्क कर पशुपालन हेतु ऋण प्राप्त कर सकते है।कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. पीके बिसेन द्वारा अवगत कराया कि अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के लिए भारत सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि मिलेट पर भी एमएसपी लायी जायेगी। मिलेट की फसल मौसम के प्रति सहिषणु है तथा इसमें रेशा अधिक होता है जो पेट के लिए अत्यंत लाभकारी है। भविष्य में साॅवा, कोदो, काकुन, मडुवा आदि फसलों पर अनुदान की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी।बैठक के अन्त में अध्यक्ष की अनुमति से बैठक का समापन किया। बैठक में डीडी (कृषि) अरविन्द मोहन मिश्र, जिला कृषि अधिकारी अरविन्द चौधरी, भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चंद्र, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी निखिल देव तिवारी, डीसीओ वेद प्रकाश सिंह, डीएचओ मृत्युंजय सिंह, कृषि वैज्ञानिक डा. पीके बिसेन, एलडीएम अजय कुमार पांडेय, डीडीएम नाबार्ड प्रसून सोनार, प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।