राहत और बचाव कार्य के दिए निर्देश
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के जोशीमठ की मौजूदा स्थिति को लेकर हुए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह सचिव अजय भल्ला समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जोशीमठ में भूधंसाव के मद्देनजर सड़कों, बिजली आपूर्ति, पानी की कमी और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। गृह मंत्री के आवास पर करीब 40 मिनट तक बैठक चली।
भूधंसाव की वजह से मकानों में पड़ी दरारें
जोशीमठ में भूधंसाव की वजह से 720 से अधिक मकानों पर दरारें पड़ गई हैं। इन सभी मकानों की पहचान की जा चुकी है। जबकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। इसी बीच अमित शाह ने मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और बैठक में राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए।
बैठक में विशेषज्ञ भी हुए शामिल
मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा वाली बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
इस बैठक में गृह मंत्री को जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए भोजन, आश्रय और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के साथ काम कर रहा है।
निर्माण परियोजनाओं को रोका गया
भूधंसाव की घटना के बाद अधिकारियों ने इलाके में निर्माण परियोजनाओं को रोक दिया है। इसके अलावा अचानक पैदा हुई इस स्थिति के आंकलन के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। उत्तराखंड सरकार ने भी अधिकारियों को बुनियादी ढांचे का सर्वेक्षण और निराकरण शुरू करने का आदेश दिया है जो आसपास की इमारतों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के परिवारों के लिए 45 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी राज्य में भूधंसाव से प्रभावित लगभग 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है।