अवधनामा संवाददाता
लोकेशन बाज प्रशासन से दस हाथ आगे , प्रशासन के सारे हथकंडे फेल
बाँदा। नरैनी क्षेत्र मे प्रशासन जब भी कार्यवाही करना चाहता है , बालू माफियाओं के गुर्गे तत्काल प्रशासन की पल पल की जानकारी मौरंग खंड संचालको तक पहुंचा देते है , जिसके परिणाम स्वरूप बडी मात्रा मे राजस्व चोरी और ओवरलोड परिवहन के नाम पर दस बीस गाडियां ही पकडी जाती है ।
नरैनी क्षेत्र मे इस समय निजी भूमि के लगभग पांच खंड संचालित हैं जिनमे बालू तो नाममात्र की होती है परंतु प्रतिदिन चार से पांच सौ गाडियों के साथ बालू की निकासी होती है , जबकि निजी भूमि मे इतनी अधिक मौरंग तो होती नही है फिर इतनी अधिक बालू आती कहां से है तो इसका जवाब स्थानीय ग्रामीण देते है कि हमारे खेतो से भी बालू निकाली जा रही है और सरकारी भूमी से भी खनन कराया जा रहा है , इस प्रकार से राजस्व की बडे पैमाने पर चोरी हो रही है , अब इस चोरी की बालू को निकालने के लिये हिस्ट्रीशीटर छुटभैये और स्थानीय मोटरसाइकिल सवारों की सेवाये ली जाती हैं जिन्हे तक्के या लोकेशनबाज कहते हैं यह तक्के नरैनी तहसील , पुलिस कोतवाली प्रमुख चौराहो , खदान के रास्ते मे पडने वाले होटलो मे मौजूद रहते हैं और जैसे ही पुलिस अथवा राजस्व अधिकारी या पत्रकार खदान की ओर मुडते है तत्काल खंड संचालक को पूरी लोकेशन भेज दी जाती है कि फलां अधिकारी फलां गाडी से कितने लोगो के साथ निकले हैं और जैसे ही अधिकारी पहुंचता है वैसे ही बडा बडा सब हटाकर चूरन चटनी पकडा दी जाती है , अधिकारी भी सोचते है कि हमने तो प्रयास किया और हमने कार्यवाही भी की शायद इतना ही अवैध हो रहा है बाकी सब ठीक है ।
इन लोकेशन बाज युवाओं को प्रति गाडी पांच सौ रूपये माह का मिलता है कई बार यह रकम दो हजार रूपये प्रति गाडी भी पहुंच जाती है (अगर प्रशासन अधिक सक्रिय हो गया तो) इस प्रकार से इन लोकेशनबाज तक्को का नेटवर्क मोबाइल और मोटरसाइकिल की सहायता से प्रशासन पर पूरी तरह से भारी है ।
इन लोकेशनबाज लोगो के कारण अधिकारियों की रेकी करायी जाती है जिससे अधिकारियो की सुरक्षा पर भी समस्या हो सकती है !