जीव को भव सागर से पार लगाती है श्रीमद् भागवत कथा: कालेन्द्रानंद

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अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। श्रीमद् भागवत कथा में स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीव को भव सागर से पार लगाती है। श्रीमद् भागवत कथा कलयुग में सुख वैभव एवं मोक्ष प्रदान करने वाली है
शिव विहार स्थित श्री सिद्ध शिव मंदिर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में मुख्य यजमान कृष्ण सिंह पुंडीर एवं नरेंद्र सिंह पंवार ने व्यासपीठ का पूजन कर श्रीमद्भागवत महापुराण का पूजन तिलक कर आशीर्वाद प्राप्त किया और ज्ञानेंद्र पुंडीर एवं सुखदेव गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर श्रीमद् भागवत महापुराण को नमन किया। आचार्य ऋषभ शर्मा एवं नीरज मिश्रा ने विधिवत् मंत्रोच्चारण कर पूजन कराया। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में स्वामी कालेंद्रनंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण कथा जीव को मोक्ष प्रदान करने वाली है, जो जीव यहां पर अपने पूर्वजों की मुक्ति गति नहीं करवाता है, उसके रक्त में मन, क्रम, वचन में तामसिक उष्णता बनी रहती है, जिसके कारण उसका जीवन एवं उसकी संतानों का जीवन पथभ्रष्ट होता रहता है। यही पितृदोष कहलाता है, जिसका एक मात्र उपाय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा श्रवण करना है। केवल श्री हरि की शरणागति होने से जीवों की मोक्ष और मुक्ति हो जाती है और वह विष्णु स्वरूप हो जाता है, जिससे वह तृप्त होकर दाता स्वरूप अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुख समृद्धि तक प्रदान करते हैं। इसलिए श्रीमद् भागवत कथा कलयुग में सुख वैभव एवं मोक्ष प्रदान करने वाली है। प्रत्येक जीव को श्री हरि के भक्ति करते हुए प्रतिदिन मन, क्रम, वचन से हरि के चरणों में सर्वस्व अर्पण कर उनका नियमित जप करना चाहिए, जप करने से मन की तृप्ति होती है, जिससे मन का भटकाव धीरे-धीरे कम होता है और मन हरि के चरणों में रमने लगता हैं। इसी आधार को प्रभु की कृपा समझना चाहिए। इस अवसर पर देवेंद्र कुमार बंसल, सेवाराम शर्मा, राज बहादुर पुंडीर, जितेंद्र चौधरी, अक्षय पुंडीर, विपिन गर्ग, हिमांशु पुंडीर, दिनेश ठाकुर, प्रमोद गुप्ता, सम्राट भारद्वाज, शिवराम शर्मा, विभा, सुषमा, बीना, मुन्नी, अंजना, उषा शर्मा, बृजबाला आदि मौजूद रहे।

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