बुंदेलखंड में महिला कृषि उद्यमियों को किया गया सम्मानित

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झांसी। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों झांसी, महोबा और ललितपुर की 400 से ज्यादा महिला कृषि उद्यमियों को झांसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित वार्षिक बैठक में सम्मानित किया गया। झांसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद अनुराग शर्मा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एक्शनएड एसोसिएशन के संदीप चचरा, दीपाली शर्मा और खालिद चौधरी भी उपस्थित रहे। श्री अनुराग शर्मा ने 43 प्रगतिशील महिला कृषि उद्यमियों को भी वार्षिक अधिवेशन में सम्मानित किया। पिछले दो साल में समृद्धि प्रोजेक्ट के तहत बसंत वीमेन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने बुंदेलखंड क्षेत्र के तीन जिलों के 40 गांवों में हाशिए पर जी रही 3,000 से ज्यादा महिलाओं का सहयोग किया है। इस पहल को ला केक्सा फाउंडेशन, एलियांजा पोर ला सोलिडारीडैड और एक्शनएड एसोसिएशन का सहयोग मिला है।
इस मौके पर माननीय सांसद श्री अनुराग शर्मा ने कहा, ‘बसंत वीमेन शानदार काम कर रहा है और मैं एक सांसद के रूप में उन्हें पूरा समर्थन दूंगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि झांसी और ललितपुर में आयोजित होने वाले सभी कृषि मेलों में आपको निशुल्क काउंटर मिले। इससे महिला किसानों को अपने ऑर्गेनिक एवं प्राकृतिक उत्पादों को प्रदर्शित करने और उससे आय प्राप्त करने का मौका मिलेगा।’ श्री अनुराग शर्मा ने झांसी में रानी लक्ष्मी बाई सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से जुड़ने में मदद करने का भी भरोसा दिया, जिससे महिलाओं को अपने उत्पादों के लिए जीरो केमिकल प्रोड्यूस का सर्टिफिकेट पाने और नियमित रूप से प्रशिक्षण पाने में मदद मिलेगी।
सेंट्रल एग्रोफॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर श्री ए. अरुणाचलम इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने झांसी में अपने रिसर्च सेंटर में एक स्टॉल उपलब्ध कराते हुए बसंत वीमेन एफपीओ के लिए सहायता सुनिश्चित करने का भरोसा दिया।
एक्शनएड एसोसिएशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संदीप चचरा ने कहा, ‘मैं सभी महिला कृषि उद्यमियों को अपने सफर में तीन बड़ी चुनौतियों को पार करने के लिए बधाई देता हूं। पहला, आपने अपने अधिकारों के लिए पुरुष प्रधान समाज और जातिगत भेदभाव के बंधन को तोड़ा। दूसरा, अपनी उद्यमिता से न्यूनतम एवं असमान वेतन के चक्र को तोड़ते हुए अपने लिए आय का साधन बनाया। और तीसरा, आपने जलवायु परिवर्तन के कारण संकट के इस दौर में बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में लोगों को अनुसरण की एक राह दी है। हालांकि जैसे-जैसे आप अपने लिए बाजार बढ़ाएंगे, आपको बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसलिए आपको अपनी साझा शक्ति को मजबूत करना होगा, ताकि आप बढ़ सकें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य के इस सफर में हम आपके साथ हैं।’
झांसी की महिला कृषि उद्यमी सविता ने कहा, ‘पहले हम महिलाओं को बस घर के कामों में बांध दिया जाता था, लेकिन आज हमारे पास कुछ अलग करने का मौका है। इससे हमें नई ऊर्जा मिली है। कल तक हमारे लिए बिजनेस करना एक सपना था। लेकिन अब हमारे अंदर बसंत वीमेन एफपीओ को संचालित करने का भरोसा है। हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजागार एवं आजीविका के अवसर से जोड़ने पर फोकस करेंगे।’
बैठक के दौरान महिलाओं ने ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर, फाउंडेशन सीड्स की वैरायटी, चिकन एग और ऑर्गेनिक सब्जियों समेत अपने विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किए। समृद्धि प्रोजेक्ट के तहत बसंत एफपीओ के अंतर्गत करीब 2,000 महिला किसानों ने आजीविका के सात मॉडल्स स्थापित किए गए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की नेतृत्वकारी क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे उन्हें, उनके परिवार एवं समुदाय को लाभ हो। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, कलेक्टिव एंटरप्राइज और सतत आजीविका के लिए महिला नेतृत्व अहम है। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि पुरुष प्रधानता एवं जातिगत भेदभाव का बंधन भी टूटेगा।
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