गमजदा माहौल में निकाला गया चेहल्लुम का जुलूस

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लखनऊ । पैग़ंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत अली के बेटे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम कि कर्बला में हुई शहादत के 40 में दिन निकाला जाने वाला चेहल्लुम का जुलूस आज इमाम हुसैन की याद में हज़ारों अजादारों ने ग़मज़दा माहौल में  शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया । हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के 40 में दिन बजाज स्थित नाजिम साहब के मामले में मौलाना सैयद कल्बे अहमद नकवी ने मजलिस को खिताब किया मजलिस के बाद मातमी अंजुमनो के द्वारा नाजिम साहब के इमामबाड़े से चेहल्लुम का जुलूस शुरू हुआ जो अकबरी गेट,  नखास, टूरियागंज, बाजार खाला, हैदरगंज, बुलाकी अड्डा, एवरेडी होता हुआ कर्बला तालकटोरा पहुच कर शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया । जुलूस के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस कमिश्नर SB शिरडकर ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से ही कर लिए थे। जुलूस के रास्ते पर संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोरडिया, डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा पुलिस अधिकारियों और पुलिस फोर्स के साथ लगातार सुरक्षा का जायजा लेते रहे । करीब 5 किलोमीटर लंबे जुलूस के मार्ग को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था जुलूस के रास्ते पर पड़ने वाली ऊंची इमारतों की छतों पर भी पुलिस के जवानों को निगरानी के लिए लगाया गया था । इसके अलावा जुलूस के दौरान ड्रोन कैमरा और सीसीटीवी कैमरे से भी लगातार जुलूस की निगरानी की गई । दोपहर करीब 2 बजे बजाजा स्थित नाज़िम साहब के इमामबाड़े से शुरू हुए चेहल्लुम के जुलूस से पहले नगर निगम के द्वारा भी पूरे जुलूस के मार्ग पर साफ सफाई के बेहतर बंदोबस्त किए गए थे। गर्मी के मौसम में जैसे ही जुलूस बुलाकी अड्डे तक पहुंचा वैसे ही आसमान से बारिश शुरू हो गई और जुलूस में शामिल है अजादार बारिश की परवाह किए बगैर नंगे पैर हजरत इमाम हुसैन का मातम करते हैं कर्बला तालकटोरा पहुंचे । चेहल्लुम के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान या हुसैन की सदाओ से आसमान गूंजता रहा । आपको बता दें हजरत इमाम हुसैन की याद में चेहल्लुम का जुलूस 2 साल के अंतराल के बाद निकाला गया है । साल 2020 और साल 2021 में कोरोना वायरस की वजह से किसी की तरफ के धार्मिक कार्यक्रम या जुलूस की इजाजत नहीं दी गई थी जिस वजह से 2 साल के लंबे सभी जुलूसों पर पाबंदी थी और 2 साल के अंतराल के बाद आज शिया समुदाय के द्वारा चेहल्लुम का जुलूस अकीदत के साथ ग़मज़दा माहौल में शांति के माहौल में संपन्न हो गया।
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