अवधनामा संवाददाता
पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि ओकांर की कब होगी गिरफ्तारी
पूर्व चेयरमैन का बचाने के फिराक मे है हाटा पुलिस
कुशीनगर। इंजीनियर आनन्द के मौत के दस दिन गुजर जाने के बाद भी दर्ज मुकदमा में आनन्द के मौत के प्रमुख जिम्मेदारो की कड़ी में शामिल कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधानपति ओंकार प्रसाद की अब तक गिरफ्तारी न होना हाटा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल बना हुआ है। सबब यह है कि मरने वाले के आडियो में दर्ज अतिंम बयान और बहन अमला के तहरीर के आधार पर दर्ज हुए मुकदमा में मरहूम आनन्द की पत्नी नीलम सिंह, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह के अलावा कुशीनगर पूर्व चेयरमैन व अमडिया के पूर्व प्रधान पति सहित कुल ग्यारह नामजद लोगो के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है जिसमे पति, साले और ससुर को पुलिस ने घटना के दुसरे दिन ही गिरफ्तारी कर जेल भेज दी है जबकि पप्पू मद्धेशिया व ओंकार प्रसाद को गिरफ्तार करने में हाटा पुलिस चोक में आ गयी है। नतीजतन अन्य नामजद अभियुक्त अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
बता दें कि अमेरिका से चार माह पूर्व लौट कर आये व अपनी पत्नी के साथ किराये का मकान लेकर रह रहे इंजीनियर की मौत, हत्या है या आत्महत्या यह रहस्य बनकर रह गया है। घटना के बाद मौका-ए- वारदात पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों व विशेषज्ञो के तर्को पर गौर करे तो मौका-ए-वारदात के नजारे यह इशारा कर रही है कि इंजीनियर को फंदे पर लटका कर आत्महत्या की कहानी गढी गयी है। हालाँकि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले मे हाटा पुलिस ने पत्नी नीलम, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह, कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया, अमडिहा के पूर्व प्रधानपति के अलावा विश्वनाथ, गोविन्दा सिंह, विमला, सोनी, राम सुरेश नन्हे सहित अन्य अज्ञात पर आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर इनमे से तीन लोगो को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। कहना न होगा कि पुलिस आनन्द की मौत को आत्महत्या ही मानकर मुकदमा दर्ज की है तो दर्ज धाराओ मे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का प्राविधान है ऐसा विधि विशेषज्ञों की राय है। ऐसे मे कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया अमडिहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि ओंकार प्रसाद सहित अन्य नामजद अभियुक्तों को पुलिस अब तक गिरफ्तार क्यो नही कर रही अपने आप में एक सवाल है।
कही ऐसा तो नही
जैसा कि सभी जानते है आनन्द अमेरिका रहता था और चार माह पूर्व वह स्वदेश लौटा था। चर्चा-ए-सरेआम है कि आनन्द और उसकी पत्नी नीलम में अक्सर विवाद होता रहता था। कही ऐसा तो नही कि नीलम की प्रताड़ना से तंग आकर आनन्द आत्महत्या की धमकी देकर नीलम को डराने के लिए वीडियो बनायी हो और वह वीडियो आनन्द अपनी पत्नी नीलम के साथ-साथ अपनी बहन व चेचेरे भाई के वाट्सएप पर भेज दिया जिसकी जानकारी नीलम को नही हो, और नीलम इस वीडियो का फायदा उठाकर अपने सहयोगी के साथ मिलकर सुकरौली स्थित आवास पर पहुंची हो और वहा पहुंचकर नीलम अपने सहयोगियों के साथ आनन्द को काबू में करके फंदे पर लटकाकर उसकी की मौत को आत्महत्या का रुप देकर घर में ताला बंद कर रातो-रातो फरार हो गयी हो। क्योकि पुलिसिया पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि मौत के दिन सुबह पत्नी नीलम सिंह अपने भाई अंगद सिंह व एक अन्य व्यक्ति के साथ मकान पर पहुंची थी और पति को फंदे पर झूलता हुआ देख नीलम सिंह ने बाहर से मकान में ताला बंद कर भाई व अन्य व्यक्ति के साथ फरार हो गई। विचारणीय बात यह है कि क्या कोई पत्नी अपने पति के शव को फंदे से लटकते हुए देखकर वहा से भागेगी? नीलम ने जब पति के शव को फंदे से लटका हुआ देखा तो शोर क्यो नही मचाया? मकान मालिक सहित अलग-बगल के लोगो को आनन्द के मौत के बारे मे क्यो नही बतायी? इसके पीछे वजह यह हो सकती है कि रविवार की रात में घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे सोमवार को मौका-ए-वारदात की मुआयना करने या फिर कोई सबूत मिटाने गये हो। खैर होने के लिए तो कुछ भी हो सकता है जो पुलिस के गहन जांच का विषय है लेकिन सवाल यह है कि घटना के दस दिन बाद अब तक पप्पू मद्धेशिया सहित अन्य नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी क्यो नही हुई। कही ऐसा तो नही पुलिस पूर्व चेयरमैन को बचाने के फिराक में है।
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