गुलशन को सीआईएस की प्राथमिकता सदस्यता व प्रदेश अध्यक्ष पद से किया निष्कासित

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अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। सीआईएस के अध्यक्ष रविन्द्र मिगलानी ने अपने निष्कासन को पूरी तरह अवैधानिक बताते हुए कहा कि गुलशन नागपाल को संस्था भंग करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है और वह दो दिन पूर्व अपना त्याग पत्र दे चुके है, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है। ऐसे कोर ग्रुप की कमेटी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता प्रदेश अध्यक्ष पद को समाप्त कर दिया गया है। सभी कोर ग्रुप कमेटी सदस्यों ने उनके कार्यो की कड़े शब्दों में भर्त्सना की।
आज दिल्ली रोड स्थित एक होटल के सभागार मंे पत्रकारों से वार्ता करते हुए अध्यक्ष रविन्द्र मिगलानी ने बताया कि बताया कि वास्तव में गुलशन नागपाल को संस्था को भंग करने का कोई संवैधानिक अधिकार ही नहीं है। देवेन्द्र बंसल द्वारा तीन दिन पूर्व ही अपना इस्तीफा संस्था की साधारण सदस्यता से दिया जा चुका है और स्वीकार भी हो चुका है। गुलशन नागपाल संस्था के निर्माण के समय से ही निसक्रिय बने हुए है तथा आज तक पूरे प्रदेश में संगठनात्मक रूप से कोई कार्य गठन नहीं किया गया और लगातार संस्था की छवि को विभिन्न माध्यमों से धूमिल करने का काम करते चले आ रहे थे। संस्था के मंच से उनके द्वारा जनप्रतिनिधियों के लिए भी असम्मान शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इन कारणों से संस्था के साधारण सदस्यों के मन में उनके प्रति अत्यन्त आक्रोश था। उनको अपने पद से हटने का डर बना हुआ था इस कारण उन्होंने आनन-फानन गौखलाहट में मनगढत एवं निराधार रूप से आरोप लगाते हुए प्रेस को स्टेटमेंट दिये जो एक बहुत ही निंदनीय है।
महासचिव मनजीत सिंह अरोड़ा ने बताया कि गुलशन नागपाल ने प्रेस वार्ता में रविन्द्र मिगलानी पर आरोप लगाया कि उनको पिछले वर्ष आईआईए से निष्कासित किया गया, जो कि सरासर झूठ है, क्योंकि रविन्द्र मिगलानी ने आईआईए में 10 जुलाई 2021 को मण्डल अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दिया। उसके बाद आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 26 जुलाई 2021 को ई-मेल द्वारा भेजे गये उस त्यागपत्र को स्वीकार नहीं किया गया और मिगलानी को मण्डल अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कहा। लेकिन इसके बाद भी मिगलानी अपने 10 जुलाई के त्यागपत्र पर अडिग रहे और 1 अगस्त को आईआईए की प्राथमिक सदस्या से त्यागपत्र दिया। सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से गुलशन नागपाल को संस्था की प्राथमिक सदस्यता व प्रदेश अध्यक्ष पद से निष्कासित किया गया तथा सभी सदस्यों द्वारा एकमत से रविन्द्र मिगलानी के नेतृत्व में अपना विंवास प्रकट किया और उनको आश्वासन दिया कि सभी सदस्य तन-मन-धन से संस्था व उनके साथ है। जो सदस्य सी०आई०एस० से निष्कासित कर दिये गये है अथवा त्यागपत्र दे चुके है, चूंकि अब उनके पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है यदि वह व्यक्ति संस्था के संबंध में किसी भी तरह का कोई नकारात्मक गतिविधि करते हैं, जिससे की संस्था की छवि धूमिल हो तो संस्था द्वारा उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। वार्ता में वरिष्ठ उपाध्यक्ष एचएस चडढा, महासचिव मनजीत सिंह अरोडा, कोषाध्यक्ष घनश्याम माहेश्वरी, उपाध्यक्ष मदनलाल अरोड़ा, संजय कपूर, दिनेश माहेश्वरी, नीरज माहेश्वरी, सुभाष मिगलानी, संजय गुप्ता गौरव गाबा व कोर ग्रुप के सदस्य मनमोहन सिंह, गौरव जैन, सुशील मदान, अनुभव शर्मा, अंगित चीपरी, मनोज जीन, प्रतीक मिगलानी, रविन्द्र कालरा, मुकेश दत्ता, एमप्रीत सिंह भोपाराय, दीपक बसल, सुशील भारद्वाज, डा० ओंकार सिंह, विनोद अरोड़ा, गौतम शंकर सिंघल, सीए जेएस गोगिया, संजय कुमार, योगेश कुमार सुरेश बजाज, विजय मदान, राजीव चानना, गौरव छाबडा, गगनदीप सिंह, धीरज मिगलानी, सुनील कुमार अरोडा, दिनेश सेठी, उमेश चोपड़ा आदि सदस्यों सहित 50 सदस्य मौजूद रहे।

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