चमड़े से बने पदार्थ का उपयोग नहीं करनी चाहिए-पीटा संस्थान

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लखनऊ के गांधी प्रतिमा पर पीटा और जीवास्तम संस्थान ने चमड़े से बने प्रदार्थों को रोकने को लेकर एक जागरूकता अभियान चलाया जिसमे पलुसन सम्बधित बीमारियों के रोकथाम हेतु देश में बढ़ते पलुसन को देखते हुए पलूसल सुरक्षा पहनकर जगरूकता अभियान का एक संदेश दिया ।
गांधी प्रतिमा पर पीटा संस्थान की पदाधिकारी शोभनी वर्मा ने जागरूकता अभियान के तहत बताया कि चमड़ा उद्द्योग व उनसे बन रहे प्रदार्थ देश में बहुत तेजी से प्रदूषण का प्रकोप का कारण बनता जा रहा है जिसके रोकथाम के लिए हम लोगो को एक सपथ लेनी होगी कि चमड़े से बने किसी प्रदाथ का उपयोग हम अपने जीवन मे नहीं करेंगे ।
आगे प्रदूषण के बारे में बताया कि चपड़ा उद्दोगों की वजह से देश में पर्यावरण प्रदूषण का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह यह कि चमड़े के प्रदार्थ जब बन कर तैयार होता है तो सबसे पहले वायु और जल प्रदूषण होता है जैसे कि जब भी किसी जानवर को मारकर उसका चमड़ा निकाला जाता है तो जब भी चमड़े को को पानी में धोया जाता है तो उससे बहुत जी तेजी गति से जल प्रदूषण बढ़ने लगता है ।
वायु प्रदूषण को लेकर बताया कि जब किसी जानवर को मारकर उसे जलाया जाता है तो वायु प्रदूषण बहुत तेजी के साथ बढ़ता जाता है।
उन्होंने बताया को इसी लिए हम सभी को यह याद रखने की बात है कि किसी भी जानवर को मारने व उसके चमड़े के प्रदार्थ का विरोथ व उसको जीवन मे उपयोग नही करना चाहिये।
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