हमें तकनीकि के सुरक्षित प्रयोग और इसपर नियंत्रण की सूझ-बूझ बढ़ानी होगी: गिरिधारी लाल गर्ग

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एमिटी विश्वविद्यालय में आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस पर ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन

लखनऊ एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टैकनॉलॉजी एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश, लखनऊ परिसर द्वारा पांच दिवसीय ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता( आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस” विषय पर आधारित इस कार्यक्रम में एमिटी विवि. एवं देश के अन्य विश्वविद्यालयों से जुडे संकाय सदस्यों और अध्यापकों, कारपोरेट एवं उद्योगों के प्रतिनिधियों और शोधार्थियों को एल्गोरिद्म, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की वैज्ञानिक कार्य विधि और कम्प्यूटर साइंस एवं कम्प्यूटर विज्ञान से जुडे तमाम पहलुओं से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन एआईसीटीई ट्रेनिंग एण्ड लर्निंग अकादमी, एटेल के सहयोग से किया जा रहा है।

कार्यक्रम का शुभारम्भ एटेल, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के उपनिदेशक डा. गिरिधारी लाल गर्ग ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि सूचना क्रांति के दौर में जब हमारे दैनिक जीवन में हर रोज सूचना तकनीकि का दखल बढ़ रहा है, हाथ में पकडा़ स्मार्ट फोन भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस हो रहा है तो ऐसे में हमें भी इस तकनीकि के सुरक्षित प्रयोग और इसपर नियंत्रण की सूझ-बूझ बढ़ानी होगी। डा. गर्ग ने एमिटी विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि वास्तव में शिक्षक समाज में चेतना बढ़ाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम हैं और एमिटी इस प्रकार के संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें विषय से आद्यतन कर रहा है।

कार्यक्रम में अतिथियों का अभिवादन करते हुए प्रति कुलपति, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ डा. सुनील धनेष्वर ने कहा कि आजकल समाचार पत्रों में साइबर ठगी की खबरों की बाढ़ आई हुई है, इसका कारण समाज में अभी इस नयी तकनीकि के सुरक्षित प्रयोग करने के प्रति चेतना की कमी है। हर तकनीकि के सफेद और स्याह दानो पहलू होते हैं, इस संकाय विकास कार्यक्रम के माध्यम से हम संकाय सदस्यों को इस आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस के सभी आयामों से परिचित कराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हमारे छात्र भी भविष्य में इस आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस तकनीकि को बेहतर ढ़ग से समझ सकें।

निदेशक एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टैक्नालॉजी ब्रिगेडियर उमेंश के चोपडा ने आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस की कार्यविधि और इसके एल्गोरिद्म पर जानकारी साझा की। एन्वीडिया रिसर्च सेंटर से जुड़ी निरमा विश्वविद्यालय की डा. प्रियंका शर्मा और आईआईटी कानपुर के डा. इंद्रनील साहा ने आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग पर अपने व्याख्यान दिए। डा. इंद्रनील साहा ने आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस तकनीकि के माध्यम से साइबर सुरक्षा और साइबर अटैक के बारे में विसतार से चर्चा की और प्रयोगात्मक प्रदर्शन भी किया।

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