अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के बंगाली सेक्शन द्वारा वर्तमान समय, श्रमिक वर्ग और बंगाली साहित्य विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बंगाली साहित्य के लेखकों द्वारा स्वतंत्रता के बाद की कविताओं, उपन्यास, नाटक तथा अन्य साहित्य में मजदूर वर्ग के जीवन की वास्तविकता पर चर्चा की गई।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने बंगाली भाषा की चर्चा करते हुए इसे एक समृद्ध तथा सांस्कृतिक विरासत वाली सबसे पुरानी भाषाओं में से एक बताया और अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के आयोजन की प्रशंसा की।
बंगाली सेक्शन की प्रभारी डा0 आमिना खातून ने बताया कि बेबीनार में नौ सौ से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए और दो हजार से अधिक लोगों ने इसे यूट्यूब के माध्यम से देखा।
कला संकाय की डीन प्रोफेसर एसएन जेबा ने स्वागत भाषण दिया। बेबीनार को सुश्री साधना चट्टोपाध्याय (भारत), प्रोफेसर हबीबउर-रहमान (बांग्लादेश), प्रोफेसर तपन मंडल के अलावा डा0 आर तमिल सेलवन, डा0 पठान कासिम खान, उर्दू विभाग के प्रोफेसर जियाउर रहमान सिद्दीकी तथा डा0 मुंशी मोहम्मद यूनुस (दिल्ली यूनिवर्सिटी), डा0 अदीप घोष (पश्चिम बंगाल), प्रोफेसर ग्यास शमीम (बांग्लादेश) व डा0 सुभांकर रे जैसे, प्रमुख साहित्यकारों व प्रमुख विद्वानों ने संबोधित किया।