ट्रूनाट मशीन से लिए गए नौ संदिग्ध मरीजों के नमूने
बांदा। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण स्वास्थ्य महकमा सजग हो गया है। अब जिला अस्पताल में भी कोरोना जांच के सेंपल लिए जा सकेंगे। शुक्रवार को पहले दिन ट्रूूनाट मशीन के जरिए नौ संदिग्ध मरीजों के सेंपल लिए गए। इस बात की जानकारी होने पर चित्रकूटधाम मंडलायुक्त गौरव दयाल अस्पताल पहुंचे और मशीन को देखा। इसके साथ ही सीएमओ और सीएमएस से भी वार्ता कर कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की।
अभी तक कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अपनी जांच कराने के लिए नरैनी कोविड सेंटर में जाना पड़ता था। अभी भी वही सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन जिला अस्पताल में जो मरीज आएंगे और उन्हें कोरोना वायरस सरीखे लक्षणों से पीड़ित पाया जाएगा, तो अब तत्काल ट्रामा सेंटर के ऊपरी मंजिल में उसका सेंपल लेकर जांच की जाएगी। शासन की ओर से ट्रामा सेंटर को ट्रूनाट मशीन उपलब्ध कराई गई है। इस मशीन के जरिए कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच की जा सकती है। शुक्रवार को जिला अस्पताल पहुंचे नौ संदिग्ध मरीजों के सेंपल लिए गए। ट्रूनाट मशीन के उपलब्ध हो जाने के कारण अब ट्रामा सेंटर में भी कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जा सकेगी। इधर, जानकारी होने पर चित्रकूटधाम मंडलायुक्त गौरव दयाल भी ट्रामा सेंटर पहुंचे। ट्रामा सेंटर में मशीन को आयुक्त ने देखा और कोरोना सेंपल आदि के बारे में भी सीएमओ और सीएमएस से जानकारी ली। सीएमएस डा. संपूर्णानंद मिश्र ने बताया कि ट्रूनाट मशीन के उपलब्ध हो जाने से अब कोरोना वायरस पीड़ित संदिग्ध मरीजों का सेंपल लेकर जांच की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि एक घंटे में रिपोर्ट उपलब्ध हो सकेगी। बताया कि नौ मरीजों का सेंपल लिया गया है। खबर लिखे जाने तक दो मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बाकी की रिपोर्ट भी जल्द ही उपलब्ध हो सकेगी। बताया कि सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक सेंपल लेकर जांच की जा सकेगी। ट्रामा सेंटर की ऊपरी मंजिल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सेंपल लेकर जांच किए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए तीन लैब टेक्नीशियनों विनय सिंह, शशांक और पवन वर्मा को तैनात किया गया है। यह सभी ट्रामा सेंटर की ऊपरी मंजिल में तैनात किया गया है। इन टेक्नीशियनों ने बताया कि एक घंटे के अंदर एक सेंपल की रिपोर्ट उपलब्ध हो सकेगी। बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संपूर्णानंद मिश्र ने बताया कि अगर सेंपल लेकर जांच के दौरान मरीज पाजिटिव पाया जाता है तो एक बार फिर से उसका सेंपल लिया जाएगा। दोबारा लिया गया सेंपल आरटीपीसीआर के लिए झांसी भेजा जाएगा। सीएमएस ने बताया कि झांसी से आई रिपोर्ट मैच होने के बाद संबंधित मरीज कोरोना पाजिटिव करार दिया जाएगा और फिर उसका उपचार होगा।