“एंजेलिक प्ले वे जूनियर हाई स्कूल”: सन्देह के घेरे में मान्यता, अंधेरे बदबूदार कमरे, टूटे ब्लैक बोर्ड से बन रहा बच्चों का भविष्य
गोरखपुर। शिक्षा का अधिकार कानून बनने के बाद लगा था कि कमज़ोर वर्ग के छात्रों के लिए ज्ञान प्राप्ति की राह हमवार होगी। सरकार की मंशा थी कि सब पढ़े सब बढ़े लेकिन कुछ स्कूल सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हैं।
ऐसे स्कूलों द्वारा लगाता छात्रों और उनके परिजनों का उत्पीड़न किया जा रहा है। साथ ही मौलिक अधिकारों का भी अतिक्रमण करना आम सी बात हो गई है।
ऐसे ही स्कूलों में एक स्कूल है एंजेलिक प्ले वे जूनियर हाई स्कूल। नगर क्षेत्र में झंकार सिनेमा रोड़ पर स्थित ये स्कूल ज़्या मंज़िल में संचालित होता है जो एक आवासीय भवन है और इस पर आरोप लगता रहा है कि यह शत्रु सम्पत्ति है।
छोटे अंधेरे कमरों में संचालित होने वाले इस स्कूल में पीने के पानी से लेकर, पंखे खिड़कियां और ब्लैक बोर्ड से लेकर छात्रों के बैठने की व्यवस्था मानकविहीन और बढ़ से बदतर है।
शुरुआती दौर में इस स्कूल की मान्यता को लेकर भी शंका की स्थिति थी लेकिन बाद के दिनों में किसी तरह स्कूल को मान्यता मिल गई जो अपने आप में जांच का विषय है।
सूत्रों की माने तो मान्यता की जांच के कई बिंदुओं पर स्कूल फेल था लेकिन बावजूद इसके स्कूल को मान्यता मिल गई।
स्कूल के प्रशासन की बात करें तो यहां बच्चों की कापियों से पन्ने फाड़कर उसी पर परीक्षा ली जाती है। इससे बच्चों की कॉपियां खंडित हो जाती है जबकि स्कूल द्वारा एकमुश्त परीक्षा शुल्क लिया जाता है।
इसके अलावा अगर को कमज़ोर वर्ग के अभिभावक फीस जमा नही कर पाते तो उनके बच्चों को कक्षा में अपमानित किया जाता है और परीक्षा से वंचित कर दिया जाता है। यदि कोई छात्र फीस जमा करके किसी तरह परीक्षा में बैठ भी जाता है तो अगले माह फिर अभिभवकों को इसलिए रिज़ल्ट देने और कापियां देखने से वंचित कर दिया जाता है कि उस अभिभावक ने सिर्फ एक माह की फीस जमा करने में विलम्ब कर दिया।
चूंकि कोई अभिभावक इसकी शिकायत नही करता इसलिए स्कूल लगातार छात्र/अभिभावक के अधिकार से उनको वंचित करने में गुरेज़ नही करते।
बहरहाल सीएम सिटी के नगर क्षेत्र में स्थित एंजेलिक प्ले वे जूनियर हाई स्कूल की मनमानी पर अधिकारियों को लगाम लगाने की ज़रूरत है साथ ही इस स्कूल की मान्यता सम्बंधित फाइल को खंगालने की ज़रूरत है, ताकि इसकी मान्यता प्रपत्रों और स्कूल की भौतिक स्थिति में अंतर सामने आ सके।





