जलालपुर। अंबेडकरनगर बुधवार की रात्रि सिकंदरपुर में बड़े श्रद्धा और सम्मान के साथ जश्न-ए-सादिकैन मनाया गया। इस अवसर पर एक महफ़िल-ए-मिलाद का आयोजन किया गया जिसमें उलमा और स्थानीय शायरों ने अपनी प्रभावशाली तकरीर और कलाम से उपस्थित लोगों के दिलों को रोशन किया।
महफ़िल की शुरुआत तिलावत-ए-क़ुरआन और नातिया कलाम से हुई। इसके बाद मौलाना ज़फ़र मआरूफ़ी और मौलाना मुशीर मुस्तफ़वी ने अपने दिलकश अशआर पेश किए, जिन्हें श्रोताओं ने पूरे जोश और उत्साह से सराहा। इसी प्रकार अन्य स्थानीय शायरों ने भी अपने अशआर पेश कर के महफ़िल को चार चाँद लगा दिए।
महफ़िल के अंतिम चरण में मौलाना नूरुल हसन मछलीगांव ने बेहद असरदार ख़िताब पेश किया। उन्होंने सरकार-ए-दो-आलम और हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की सीरत-ए-तैयबा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी शिक्षाओं और व्यावहारिक जीवन को उजागर किया। उनका बयान उपस्थित लोगों के दिलों में मोहब्बत और अकीदत की नई रोशनी ले आया और महफ़िल एक रूहानी संदेश के साथ संपन्न हुई।
श्रोताओं ने इस आयोजन को ईमान अफ़रोज़ और यादगार बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में दीन व रूहानियत का माहौल कायम करने के साथ-साथ नई पीढ़ी के लिए भी मशअल-ए-राह साबित होते हैं।
इस अवसर पर हाजी कमर मोहम्मद अली जीशान एडवोकेट अहमद रजा ज़ैदी आफ़ाक़ हुसैन नकी हैदर ज़ैदी बेलाल हैदर हसन मुसन्ना आसिफ ज़ैदी रजा हैदर परवेज रजा जामी समर हैदर शहनवाज़ ज़ैदी अमान तथा अन्य न केवल महफ़िल में शिरकत की बल्कि इसके इंतज़ाम और कामयाबी में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी सेवाओं को उपस्थित लोगों ने दिल से सराहा।