सुरक्षा के लिए खतरा है इस पावर हाउस का बंद रहना
सिद्धार्थनगर। शोहरत गढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम बोहली स्थित पावर हाउस का हाल बहुत खराब है। नेपाल सरहद जहां आए दिन जरायम पेशा वालों का अड्डा बना रहता है, ऐसे संवेदनशील पावर हाउस का यह हाल सीमावर्ती गांवों की सुरक्षा को बड़ा खतरा है। यहां जरा भी खराबी हुई कि पावर हाउस महीनों तक बंद हो जाता है। उमस भरी इस गर्मी में आसपास गांवों के लोगों का जीना मोहाल हो जाता है।
इस पावर हाउस की ऐसी खस्ताहाल हालत तब है जब इससे जुड़े 70 प्रतिशत उपभोक्ता बिजली बिल चुकाने में अग्रणी रहते हैं। 33/11पावर हाउस की सभी बैटरियां जर्जर हो चुकी है। फ्यूज प्वाइंट भी काम नहीं कर रहा। वक्त के मारे गांव वाले अस्थाई बिजली कर्मचारियों से मरम्मत के नाम पर आए दिन चंदा के नाम पर लुटने को विवश हैं। इस पावर हाउस के खस्ताहाल के पीछे बड़ी वजह ये है कि अब इसके रखरखाव के लिए सरकार से धन नहीं आवंटित होते। पूर्व में इस मद के लिए धन आवंटित होते रहने का प्रावधान था। अभी भी यदि मात्र 80 हजार की सरकारी मदद हो जाय तो जर्जर बैटरियां बदल कर काम चलाया जा सकता है लेकिन विभाग यह भी नहीं कर रहा।
बोहली पावर हाउस का निर्माण 80 के दशक में इसी गांव के निवासी नर्वदेश्वर शुक्ल के प्रयास से संभव हो पाया था,उस वक्त वे ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के चेयरमैन थे। यह पद दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का होता है। जब तक वे इस पद पर थे और सूबे में कांग्रेस की सरकार रही तब तक सबकुछ अच्छे से चल रहा था, लेकिन सरकार बदली, हुकूमत बदला तो इस पावर हाउस की दुश्वारियां भी शूरू हो गई। फिर भी इस पावर हाउस से संबद्ध अवर अभियंता अवनीश मिश्रा का कहना है कि धनाभाव तो है लेकिन इस पावर हाउस को शीघ्र ही ठीक करा दिया जाएगा।