दुनिया में शांति के लिए हज़रत अली के बताए मार्ग पर चले डां आबिद

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संभल। अवधनामा नगर की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था कंज़ा फ़रोगे उर्दू सोसाइटी संभल की जानिब से उर्दू की प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.किश्वर जहां ज़ैदी के निवास पर जश्ने विलायते अली का आयोजन किया गया ,जिसकी अध्यक्षता हाजी सैयद हुसैन अफसर ने की जबकि संचालन मीर शाह हुसैन आरिफ ने किया। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में उर्दू के प्रसिद्ध शायर डॉक्टर नसीमुज़्ज़फर एवं मुख्य वक्ता के रूप में एमजीएम पीजी कॉलेज संभल के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर आबिद हुसैन हैदरी उपस्थित थे। प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने अपने संबोधन में जश्न में शामिल सभी लोगों को मौलाए कायनात हजरत अली की विलायत की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि आज ही के दिन पैगंबर मोहम्मद साहब ने 18 जिलहिज्जा को हजरत अली को अपना वली और उत्तराधिकारी बनाया था और तमाम अपने साथियों से उन्हें तमाम मुसलमानों का मौला बनने की मुबारकबाद देने का हुक्म दिया था। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अम्नो शांति की तलाश में है और अम्नो शांति पाने के लिए हज़रत अली के बताए हुए मार्गो पर चलना अति आवश्यक है।

इसलिए कि उन्होंने अपने अनुयायियों को आदेशित किया है कि हमेशा दबे- कुचले और कमज़ोर लोगों के साथी बनो और ज़ुल्म करने वालों, अत्याचार करने वालों के साथी ना बनो। इस मौके पर अलमान रज़ा, सैयद अकबर अली ज़ैदी ,सैयद इरम अब्बास नक़वी ,जमाल हुसैन ,मौलाना सय्यद अज़हर अब्बास ,रामिश संभली ,कौसर संभली, गुलज़ार नौशाही ,हकीम बुरहान संभली ,नौशाद गोविंदपुरी संभली ,हाजी तनवीर हुसैन अशरफी, प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी, डॉक्टर नसीमुज़्ज़फर , हाजी सैयद हुसैन अफ़सर ने हजरत अली की बारगाह में शेर पेश करके अपनी मोहब्बत का परिचय दिया। इस मौक़े पर सैयद अकबर अली ज़ैदी और डॉक्टर खुर्रम अली ने जश्न में शामिल तमाम लोगों को तोहफ़ा पेश किया और जश्न के कन्वीनर सैयद मोहम्मद जाफ़र आरज़ू ने तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया। जश्न में सैयद शमाइम रज़ा, जुबेर उमर, डॉ.रैयान युसूफ, मुस्तहसिन रज़ा ज़ैदी, मीर अलमदार हुसैन, सैयद हुसैन मेहंदी, जाफर नक़वी आदि उपस्थित रहे।

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