लखनऊ। बसंत कुंज में बसाए गए अकबरनगर के विस्थापितों की आवास की राशि को जमा करने की अवधि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दस वर्ष रखने की नोटिस पर लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने कमीश्नर रोशन जैकब को पत्रक दिया और एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार से वार्ता की। प्रतिनिधि मंडल में लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, सीपीएम के नेता प्रवीन सिंह, अकबरनगर के नेता इमरान राजा और महिला नेत्री सुमन पांडे समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग शामिल रहे।प्रतिनिधि मंडल ने अधिकारियों के संज्ञान में लाया कि सुप्रीम कोर्ट के 10 मई 2024 के आदेश में भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट के साथ कहा था कि अकबरनगर के विस्थापितों को बसंत कुंज में आवास का मूल्य 15 साल की अवधि में देय होगा। जिस पर सहमति व्यक्त करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। अब एलडीए ने बसंत कुंज में बसे अकबरनगर विस्थापित निवासियों को आवास की धनराशि 10 वर्ष में जमा करने की नोटिस दी है। जो न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
एलडीए उपाध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि नोटिस में सुधार किया जाएगा और न्यायालय के आदेश के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।प्रतिनिधि मंडल ने यह भी निवेदन किया कि बसंत कुंज में बसे अकबर नगर के विस्थापितों में बड़ी संख्या स्लम निवासियों की थी। जिसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी लिया था। अकबरनगर के स्लम में रहने वाले लोग बेहद गरीब है और मकान का मूल्य चुका पाना उनके लिए असंभव है। इसलिए इनका पूरा पैसा माफ किया जाना जाना न्यायोचित होगा।प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद सलीम, मोहम्मद हसन, मोहम्मद जकी, मोहम्मद रजा जावेद अहमद आदि लोग भी शामिल रहे।