सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) बोर्ड ने 12वीं के नतीजे जारी कर दिए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल के परिणाम बेहतर हैं। 2024 में 87.98% बच्चे पास हुए थे। वहीं इस बार 88.39% विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है। इसके अलावा 12वीं के पासिंग प्रतिशत में लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों को पीछे छोड़ दिया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) ने बोर्ड के नतीजे जारी कर दिए हैं। 12वीं की परीक्षा में 88.39% प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। वहीं, इंटर के परिणाम में एक बार फिर लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। CBSE बोर्ड के मुताबिक 91% से ज्यादा लड़कियों ने 12वीं की परीक्षा में कामयाबी हासिल की है।
CBSE बोर्ड के 12वीं के नतीजों में 85.70% छात्रा पास हुए हैं, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक है। 2021 में लड़कों का पासिंग प्रतिशत 85.12% था। वहीं लड़कियों ने 5.94% के अंतर से लड़कों को पछाड़ दिया है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा “CBSE कक्षा 10वीं और 11वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं। यह आपकी लगन, अनुशासन और मेहनत का नतीजा है। माता-पिता और अध्यापक समेत कई लोगों का भी इसमें अहम योगदान रहा है। आगे भी आप ऐसे ही हर पड़ाव पर सफलता हासिल करें।”
कितने विद्यार्थी हुए पास?
परीक्षा कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने मंगलवार को नतीजे जारी किए हैं। इस बार का परिणाम पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा अच्छा रहा है। 2024 में 87.98% बच्चे पास हुए थे। वहीं, इस बार 88.39% विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है। इसमें 91.64% लड़कियां, 85.70% लड़के और 100% ट्रांसजेंडर विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं।
विजयवाड़ा में सबसे अधिक विद्यार्थी पास
CBSE बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 1,11,544 विद्यार्थियों को 90% से ज्यादा और 24,867 विद्यार्थियों को 95% से अधिक अंक मिले हैं। रीजन के हिसाब के पासिंग प्रतिशत की बात करें तो इस साल CBSE बोर्ड से 12वीं में विजयवाड़ा के 99.60% विद्यार्थी पास हुए हैं। वहीं 99.32% के साथ त्रिवेन्द्रम दूसरे और 97.39% के साथ चेन्नई तीसरे स्थान पर है।
नहीं जारी होगी मेरिट लिस्ट
बता दें कि CBSE बोर्ड मेरिट लिस्ट जारी नहीं करता है और न ही कोई टॉपर घोषित करता है। CBSE बोर्ड सभी स्कूलों और संस्थानों को सख्त निर्देश देता है कि स्कूल में टॉपर घोषित नहीं किया जाना चाहिए। 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 4 अप्रैल के बीच में आयोजित की गई थी, जिसमें 17.88 लाख बच्चे शामिल हुए थे।