अलीगढ़: केंद्र एवं प्रदेश सरकार का सपना है कि बिना किसी भेदभाव एवं जाति बंधन के समाज के हर तबके का विकास सुनिश्चित हो। सरकार द्वारा दिव्यांगों के हितार्थ विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सरकार की मंशा है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र एवं जरूरतमंद को मिले। समाज की मुख्यधारा से पीछे रह गए निःशक्तजनों में आत्मविश्वास एवं मनोबल को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने उन्हें ’’दिव्यांगजन’’ के रूप में मान्यता दी। ’’दिव्यांगजन’’ शब्द की उत्पत्ति दिव्यता से हुई है। हर दिव्यांग व्यक्ति में कोई न कोई अनूठी प्रतिभा छिपी होती है आवश्यकता उसे तलाशने, तराशने और उसे सही दिशा देने की है।
उक्त उद्गार प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप ने कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में तीन दिवसीय मण्डल स्तरीय दिव्यकला एवं हस्तशिल्प महोत्सव 2025 के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। इससे पूर्व मंत्री ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं आजाद फाउंडेशन सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य कला एवं हस्तशिल्प महोत्सव 2025 एवं प्रदर्शनी का फीता काट कर उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने हैबिटेट सेंटर में मण्डल भर से स्थापित किए गए स्टॉल्स अवलोकन किया और दिव्यांग जनों को सहायक उपकरण भी प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से दिव्यांगजनों को उनकी रूचि के अनुसार हुनर व कौशल से जोड़ते हुए उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को मजबूती प्रदान की जा रही है। पहले उनको 300 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा उनकी परेशानियों को समझते हुए 1000 रूपये प्रतिमाह का भरण-पोषण प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश भर में 11 लाख से अधिक दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगजनों के शैक्षिक उन्नयन के लिए प्रदेश में डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही जगतगुरू रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय चित्रकूट भी दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि इनके माध्यम से दिव्यांगजनों को मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।