निजी कंपनी को सहूलियत देने के लिए एक्ट, समझौतों व सेवा शर्तों का उल्लंघन कर रहा है प्रबन्धन

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05वें दिन प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन जारी
गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज लगातार 105वें दिन समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पुष्पेन्द्र सिंह, जितेन्द्र कुमार गुप्त, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, विनय पाण्डेय, ओम गुप्ता, गिरिजाशंकर चौहान, रामशरन एवं  सुभाषचंद्र यादव ने कहा कि सुधार और संघर्ष’ के मंत्र का पालन करते हुए मार्च के माह में भी बिजली कर्मी सुधार के अपने अभियान को बनाए हुए अधिकतम राजस्व वसूली का कीर्तिमान बनाने हेतु प्रयत्नशील हैं। वहीं दूसरी ओर पॉवर कॉर्पोरशन प्रबन्धन द्वारा निजीकरण के पहले ही निजी क्षेत्र की सहूलियत की दृष्टि से 55 वर्ष और डाउन साइज़िंग के नाम पर अत्यधिक अल्प वेतन पाने वाले संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी किया जा रहा है और इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000  और पूर्व में हुए समझौतों व सेवा शर्तों का उल्लंघन करते हुए नियमित कर्मचारियों के विभागीय संयोजनों पर मीटर लगाने के नाम पर अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाया रहा है।
उन्होंने कहा कि अत्यन्त दुर्भाग्य का विषय है कि बिजली कर्मी विगत 105 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किन्तु प्रबन्धन ने संघर्ष समिति से इस दौरान एक बार भी वार्ता नहीं की। संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार बिजली कर्मी भोजन अवकाश में या कार्यालय समय के उपरान्त विरोध सभा कर रहे हैं जिससे कार्य में कोई व्यवधान न आए किन्तु ऐसा लगता है कि प्रबन्धन ने हठवादिता का रवैया अपना रखा है।
उन्होंने आगे बताया कि प्रबन्धन द्वारा बिजली का  निजीकरण किये जाने की मंशा से और निजी कंपनियों को सहूलियत देने के लिए बड़े पैमाने पर बिना कारण संविदाकर्मियों को हटाया जा रहा है और कर्मचारियों की सेवा शर्तों का सीधा उल्लंघन किया जा रहा है जिससे बिजली कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इलेक्ट्रिसिटी रिफार्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000 और पूर्व में मा०ऊर्जा मंत्री जी के साथ हुए समझौते  में स्पष्ट लिखा है कि बिजली कर्मियों को मिल रही रियायती दर की बिजली सुविधा पूर्ववत जारी रहेगी।इसके विपरीत प्रबंधन द्वारा भय और दबाव का वातावरण बना कर विभागीय संयोजनों पर मीटर लगवा कर उक्त सुविधा को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है जोकि कदापि स्वीकार्य नहीं है और इसका पुरजोर विरोध जारी रहेगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि होली के पर्व पर प्रदेश के आम उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत न हो और निर्बाध बिजली आपूर्ति होती रहे, इस दृष्टि से 13 व14 मार्च को कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।
15 मार्च को निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की बिड खोली जानी है।  15 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों और राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन होंगे। लखनऊ में शक्ति भवन पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
आज जनपद गोरखपुर सहित राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।
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