योगी आदित्यनाथ यूपी के 21वें सीएम होंगे. केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही दिनेश शर्मा को भी उपमुख्यमंत्री चुना गया है. रविवार को योगी आदित्यनाथ जहां सीएम की वहीं केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. जानते हैं दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक कैसे पहुंचे।
कभी लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे दिनेश शर्मा सीधे मेयर से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए हैं. ब्राह्मण जाति के दिनेश शर्मा लखनऊ के दो बार मेयर भी रह चुके हैं. 2008 में पहली बार दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर चुने गए. उनके काम को लखनऊ की जनता ने पसंद किया और 2012 में फिर से वो मेयर चुने गए*
।2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ से उन्हें टिकट भी मिलने वाला था, लेकिन राजनाथ सिंह के लिए उन्होंने दावा छोड़ दिया. 2014 में केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद पार्टी ने दिनेश शर्मा को न सिर्फ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया बल्कि गुजरात का प्रभार भी सौंपा।
दिनेश शर्मा संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं. उनकी साफ, सुथरी और बेदाग छवि का फायदा उन्हें मिला. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का नजदीक होना भी उनके लिए फायदेमंद रहा. लखनऊ का मेयर होने के नाते दिनेश शर्मा को प्रशासनिक अनुभव भी है।
शायद इन्हीं कसौटियों पर कसते हुए बीजेपी ने उनका नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए आगे किया जिसे विधायकों ने सर्वसम्मति से मान लिया. अब देखना है कि दिनेश शर्मा एक मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री के साथ कैसे तालमेल बिठाते हैं।