केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार आपदा न्यूनीकरण में सक्षम हुई है जबकि पहले की सरकार आपदा आएगी तो सोचेंगे की नीति पर काम करती थी। उन्होंने संबंधित एजेंसियों से आपदा जोखिमों को कम करने और अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (आईडीडीआरआर) 2024 के मौके पर नई दिल्ली के डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में “लचीले भविष्य के लिए अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना” विषय पर आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
राय ने कहा कि पहले सरकार आपदा आने पर उसके बचाव कार्य में जुटती थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अब सरकार पहले ही पूर्वानुमान लगाकर जरूरी कदम उठाती है। उन्होंने कहा कि इससे आपदा आने पर कम से कम नुकसान होता है। बिपरजॉय चक्रवात में जनहानि नहीं होना इसका उदाहरण है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने आपदा के क्षेत्र में युवा पीढ़ी की भूमिका को अहम बताते हुए युवाओं को इससे निपटने में सक्षम बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में शिक्षण संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
उन्होंने युवाओं से सोशल मीडिया और अन्य तकनीकी उपकरणों के माध्यम से आपदाओं के पूर्वानुमान को सरकार के साथ साझा करने की भी अपील की।
इस मौके पर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति, स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र रत्नू आदि भी मौजूद थे।