बाढ़ का संकट टला अब बीमारियों का खतरा बढ़ा

0
91

यमुना, पहुज और बेतवा नदी की बाढ़ से जालौन जिले में कई गांव प्रभावित हुए हैं और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जिन किसानों की फसलें खराब हो गई हैं उनके सर्वे के लिए राजस्व टीमों का गठन कर दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 32 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं व 2150 हेक्टेयर भूमि में बोई हुई फसलें बर्बाद हो गई हैं। लेकिन नदियों का जलस्तर कम होने से लोगों से राहत मिल गई है। अब ग्रामीण इलाकों में बीमारी का खतरा मंडराने लगा है।

बता दें कि, जिले की कोंच, माधौगढ़ कालपी तहसील के तकरीबन 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे। वहीं, माधौगढ़ के उप जिलाधिकारी सुरेश पाल ने जानकारी दी कि पहूज और यमुना के पानी से घिरे गांवों में अब पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। जल्द ही फसलों का सर्वे शुरू किया जाएगा, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। राहत किट बांटने के दौरान राजस्व विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। जिले के सबसे अधिक प्रभावित गांवों में सलैया बुजुर्ग, मऊ महेशपुरा और माधौगढ़ के करीब दर्जन भर गांव शामिल हैं। प्रशासन और समाज सेवियों के सहयोग से यहां रहने वाले लोगों को भोजन, राहत किट और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं।

अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों के सभी लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन और राहत किट की व्यवस्था की गई है। यमुना और पहूज नदियों का जलस्तर तेजी से घट रहा है, जिससे अब बाढ़ के हालात सामान्य हो रहे हैं।

प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन इलाकों में स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी और ग्रामीण अपने घरों को लौट सकेंगे। बीमारियों का संक्रमण न पहले इसके लिए स्वास्थ्य टीमों को लगाया गया है और बारीकी से लोगों का परीक्षण किया जा रहा है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here