प्रियंका चाहर चौधरी और अंकित गुप्ता कॉलेज रोमांस याद दिलाएंगे, यशराज का साथ

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प्रियंका चाहर चौधरी और अंकित गुप्ता की जोड़ी फैंस को काफी पसंद है। हमेशा उनके चाहने वाले कपल से यही गुजारिश करते हैं कि वह किसी प्रोजेक्ट में एक साथ काम करे। अब हाल ही में अंकित गुप्ता ( Ankit Gupta) और प्रियंका चाहर के हाथ यशराज का एक बड़ा प्रोजेक्ट लगा है। उनके इस वीडियो को देखकर आपको कॉलेज रोमांस याद आना तय है।

अंकित गुप्ता और प्रियंका चाहर चौधरी टेलीविजन के सबसे पसंदीदा कपल्स में से एक हैं। बिग बॉस सीजन 16 के बाद से ही इन दोनों की जब भी कोई तस्वीर सामने आता है, तो फैंस उस पर प्यार लुटाने से पीछे नहीं हटते हैं।

दोनों अब तक सीरियल ‘उड़ारिया’ और बिग बॉस (Bigg Boss) के अलावा कई म्यूजिक वीडियोज में भी साथ में काम कर चुके हैं। अब दोनों के यशराज का साथ मिला है।

पहली बार दोनों यशराज के एक म्यूजिक वीडियो के लिए साथ आए हैं। जिसके बारे में बात करते हुए प्रियंका ने बताया की कैसे उन्होंने सिर्फ तीन मिनट में एक पूरा शॉट दिया।

तीन मिनट में ट्रेन के साथ किया था शूट

सेट या लोकेशन का माहौल चाहे जैसा हो, कलाकारों को उसी में ढलकर अपना सौ प्रतिशत देना होता है। अब बिग बॉस फेम प्रियंका चाहर चौधरी और अंकित गुप्ता को ही ले लीजिए।

दोनों को शिमला में टॉय ट्रेन के साथ शूट करने के लिए केवल तीन मिनट मिलते थे। अब दोनों का ये रोमांटिक ट्रैक आउट हो चुका है, जिसमें उनकी जोड़ी देखने लायक है।

इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान सोमवार को प्रियंका ने अपने और अंकित के नए म्यूजिक वीडियो से जुड़ा किस्सा साझा किया। यशराज फिल्म्स के नए म्यूजिक वीडियो में दोनों कॉलेज रोमांस करते दिखेंगे। प्रियंका कहती हैं कि,

“हम शिमला में इस गाने की शूटिंग कर रहे थे। वहां स्टेशन पर टॉय ट्रेन केवल दो मिनट रुकती थी। शूटिंग के लिए तीन मिनट ट्रेन को रोकने की इजाजत मिली थी। उसी में मुझे और अंकित को अपना शौत देना था। अगली ट्रेन एक घंटे बाद ही होती थी। ऐसे में जब भी ट्रेन आती थी तो हमें एक ही टेक में वह शॉट देना होता था। बाकी के एक घंटे में हम अगले शाट की रिहर्सल करते थे”।

स्कूल में अपने सीनियर्स को प्यार से क्या बुलाती थीं प्रियंका?

प्रियंका ने लाइव सेशन के दौरान ये भी बताया कि स्कूल में उन्हें किसी पर क्रश था या नहीं। उन्होंने कहा, “स्कूल में तो क्रश ही हुआ करता था, तब प्यार की समझ कहां थी। मेरे घर पर लैंडलाइन फोन नहीं था, तो ऐसे में किसी लड़के का मिस कॉल तो आ ही नहीं सकता था।

मैं किसी को मिस कॉल नहीं देती थी, सीधे कॉल कर लेती थी। जब दसवीं कक्षा में थी तो इतना याद है कि जब हम क्लास से बाहर खेलने आते थे तो 12वीं क्लास के भैया लोग भी बाहर आ जाते थे। वह चाहे जिस चीज के लिए क्लास के बाहर खड़े रहते हों, लेकिन हम तो उन्हें भैया ही कहते थे।

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