एंटीबायोटिक्स के क्षेत्र में नवाचार का साधन है माइक्रोबियल इंजीनियरिंग : डॉ. गुप्ता

0
612

अवधनामा संवाददाता’

महायोगी गोरखनाथ विवि में माइक्रोबियल इंजीनियरिंग विषय पर व्याख्यान

गोरखपुर । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय में माइक्रोबियल इंजीनियरिंग ऑफ एंटी बायोटिक बायोसाइंथेसिस पाथवे विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर के सहायक आचार्य डॉ. कपिल गुप्ता ने कहा कि माइक्रोबियल इंजीनियरिंग जीवाणुओं का उपयोग करके विभिन्न उत्पादों की उत्पत्ति और उनके सुधार करने का काम करता है। इसका एक प्रमुख क्षेत्र एंटीबायोटिक उत्पादन है।

डॉ. गुप्ता ने कहा कि माइक्रोबियल इंजीनियरिंग से एंटीबायोटिक्स के क्षेत्र में नवाचार के साथ ही इसके उत्पादन के औद्योगिक स्तर में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि माइक्रोबियल इंजीनियरिंग द्वारा एंटीबायोटिक उत्पादन की क्षमता को संशोधित करने के लिए सूक्ष्म जीवों की आनुवंशिक संरचना में बदलाव करने और प्रमुख एंजाइम की क्लोनिंग का काम भी किया जा सकता है।

व्याख्यान में प्रमुख रूप से बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार दूबे, बायोकेमिस्ट्री विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनुपमा ओझा, डॉ. अवेद्यनाथ, डॉ. पवन कुमार कन्नौजिया, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, धनंजय पांडेय, डॉ. संदीप श्रीवास्तव, डॉ. केके यादव, डॉ. प्रेरणा, डॉ. अंकिता मिश्रा, अनिल मिश्रा सहित सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here