फर्जी मार्कशीट से नौकरी कर रहा रोडवेज डिपो का लिपिक बर्खास्त

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अवधानामा संवाददाता।

आरएम बांदा ने एआरएम की जांच रिपोर्ट के बाद की कार्रवाई

वरिष्ठ लिपिक के खिलाफ कार्यवाही से विभाग में मची हलचल

हमीरपुर। इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट से नौकरी कर रहे रोडवेज डिपो के वरिष्ठ लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त लिपिक उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ का वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रतिनिधि है। वर्ष 1993 में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण चालकों को परिचालक पद पर पदोन्नति के आदेश हुए थे। तारिक हुसैन ने इंटरमीडिएट का अंक पत्र लगाकर परिचालक पद पर पदोन्नति प्राप्त की थी। वर्तमान में वह वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्य कर रहा था। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एआरएम आरपी साहू ने बताया कि वर्ष 2022 में एक शिकायतकर्ता ने तारिक हुसैन की इंटरमीडिएट का फर्जी अंक पत्र लगाकर नौकरी करने की शिकायत की थी।शासन ने क्षेत्रीय प्रबंधक आरएम बांदा,संदीप अग्रवाल को जांच के आदेश दिए थे। आरएम बांदा ने तत्कालीन हमीरपुर डिपो के एआरएम अकील अहमद को जांच अधिकारी नामित किया। अकिल ने तारिक से इंटरमीडिएट का मूल अंक पत्र तलब किया था, लेकिन उन्होंने हर बार फोटो कॉपी उपलब्ध कराई। एआरएम ने तारिक को फर्जी अंक पत्र के जरिए नौकरी करने का दोषी ठहराते हुए रिपोर्ट आरएम बांदा को भेजी थी। आरएम बांदा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ लिपिक तारिक से स्पष्टीकरण तलब किया था,लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिस कॉलेज की मार्कशीट थी वहां से सत्यापन कराया गया। शिकायत की पुष्टि होने पर आरएम ने वरिष्ठ लिपिक तारिक हुसैन को सेवा से बर्खास्त कर दिया।

*इस आदेश के विरुद्ध लखनऊ मुख्यालय में करेंगे अपील,तारिक हुसैन*

*इनसेट* इस संबंध में वरिष्ठ लिपिक तारिक हुसैन का कहना है कि वर्ष 2022 में उनके तत्कालीन एआरएम अकील अहमद से विवाद शुरू हुआ था। उन्होंने विभाग में लिखित रूप से सूचना दी कि एआरएम अकील से उनका विवाद है और वह उनकी जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं करेंगे। वह इस आदेश के विरुद्ध लखनऊ मुख्यालय में अपील करेंगे।

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