अवधनामा संवाददाता
अलविदा जुमे को लेकर पुलिस रही मुस्तैद, ड्रोन कैमरे से की निगरानी।
मौदहा-हमीरपुर: जब इन्सान किसी से बहुत मोहब्बत करता है और जब वह उस से जुदा होनें लगता है तो आंखों में आंसू आना स्वाभाविक है ठीक इसी तरह पवित्र माह रमजान के जुदा होने मे सच्चे मुसलमानों की आंखें नम होजाती हैं इस पवित्र माह में बच्चे, बूढ़े, जवान स्त्री-पुरुष अर्थात हर इमानवाला मुसलमान रमजान मे अपनें अल्लाह को राजी करनें के लिये दिन में रोजा रखता है और रात में नमाजे पढता है साथ ही पवित्र कुरान को हर समय अपनें सीने से लगाए रखता है लगभग पूरे महीनें यही दिनचर्या रहता है एक सच्चे मोमिन का और यही लोग रमज़ान के अंतिम शुक्रवार जिसे आम भाषा में अलविदा जुमा कहते है इस को अदा करनें में अशकबार होजाता है अलविदा किसी को बिदा करनें के समय बोला जाता है इसलिए रमजान के आखिरी जुमे को अलवदा जुमा कहा जाता है क्योंकि इस रमज़ान में अब यह जुमा दुबारा नही आऐगा।जनपद भर में अमन-चैन के साथ जुमे की नमाज अदा की गयी अगर हम बात करें मौदहा की तो लगभग दो दर्जन मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की जाती है सभी मस्जिदों में मुल्क की तरक्की, भाईचारे और शांति उन्नति की दुआएं मांगी गई।अलविदा जुमे की नमाज़ को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर रही और ड्रोन कैमरों से कस्बे की निगरानी की गई।मुस्लिम समुदाय का सबसे पवित्र महीना रमजान अपने अंतिम दौर में है और पांच अप्रैल को रमजान के अंतिम शुक्रवार यानी अलविदा जुमा की नमाज़ कस्बे की लगभग दो दर्जन मस्जिदों में अदा की गई।जिसमें मुल्क के अमन चैन और शांति उन्नति की दुआएं मांगी गई।अलविदा की नमाज़ को लेकर पूरे कस्बे में पुलिस अलर्ट मोड पर रही।और कस्बे की मुख्य मस्जिदों के बाहर पुलिस बल लगाया गया था जबकि नमाज़ शुरू होने के पहले अपर पुलिस अधीक्षक मायाराम और क्षेत्राधिकारी श्रेयस त्रिपाठी ने अर्धसैनिक बलों के साथ कस्बे की मुख्य सड़कों पर फ्लैग मार्च कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जबकि पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा कोतवाली में बैठकर कस्बे की मानीटरिंग करती रहीं।अलविदा जुमा के साथ ही ईद करीब होने के कारण कस्बे की चौकसी भी बढ़ा दी गई है क्योंकि इस दौरान कस्बे की बाजारों में भीड़ उमड़ रही है।