अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हुए आजाद समाज सेवा समिति द्वारा नगर में प्रभात फेरी निकालकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित नगर में स्थित समस्त शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात सुभाष मार्केट स्थित नेताजी की प्रतिमा के समक्ष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष अशोक सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी भारत की आजादी को लेकर बेचैन थे। उन्होंने जन-जन में आजादी के संघर्ष की अलख जगा दी। अंग्रेजों से भारत को आजाद करने के लिए नेताजी ने 1943 में आजाद हिंद सरकार का गठन किया , जर्मनी, इटली, जापान, आयरलैंड, चीन, कोरिया, फिलीपींस समेत 9 देश की मान्यता इस सरकार को मिल गई थी। संस्था उपाध्यक्ष विजय यादव व मंत्री गिरीश तिवारी बबलू ने कहा कि नेताजी के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के साथ मतभेद हो गए थे हालांकि उन्होंने कभी भी गांधी जी का अनादर नहीं किया राष्ट्रीय कांग्रेस से स्वयं को अलग कर एक नए दल का गठन किया और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष जारी रखा। संस्था कार्यकारी अध्यक्ष शराफत खान वह कोषाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय ने कहा कि नेताजी ने 21अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार की स्थापना करते हुए आजाद हिंद फौज का गठन किया, 1944 मे एक रेडियो प्रसारण में सुभाष पहले व्यक्ति थे जिन्होंने गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया। आज कार्यक्रम के वक्ताओं में उपाध्यक्ष ओमप्रकाश गौड़, दिलीप सिंह, बबलू सिंह प्रधान, महामंत्री मकसूद अंसारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मोहम्मद अहमद, सरदार जितेंद्र पाल सिंह, दीपक सिंह, आशीष मिश्रा महाकाल, राजा अब्बास जैदी, मसूद अहमद, अजमल खान,मोईद खान, राजेंद्र कुमार पटवा, मोहम्मद यूनुस, बब्बन् गाजी, अब्दुल मन्नान, वसीम राजा, शिवनायक वर्मा, दीप चंद्र अग्रहरि, विनय विक्रम जायसवाल, राम रतन चौरसिया, इमरान खान, विनोद रावत शैलेंद्र रावत, वैभव श्रीवास्तव आदि सैकड़ो लोग शामिल रहे।