मुख्य मार्ग का चौड़ी करण कर डिवाईडर की है जरूरत।
(हिफजुर्रहमान)
मौदहा – हमीरपुर : देश आजाद होए 75 वर्ष का एक लम्बा समय गुजर चुका लेकिन बेचारा मौदहा आज भी मूलभूत समस्याओं के लिए जूझ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, पानी, बस-टैंड व ट्रेन जैसी बुनियादी सुविधाओं का आज भी अभाव है।इस गुजरे हुए लम्बे समय में सभी पार्टियों की सरकारे आती जाती रही लेकिन किसी भी सरकार नें या किसी भी चुनें हुए सांसद विधायक, एम एल सी या चेयरमैन नें मौदहा के विकास के लिए कुछ नही किया हां जनप्रतिनिधि चुनें जानें से पहले मौदहा को दुल्हन की तरह सजानें के वादे जरुर किये जाते रहे हैं लेकिन चुने जानें के बाद केवल मेरा घर, मेरा परिवार मेरा अपना विकास के सिवा किसी ने कुछ नही किया।मौदहा में हमेशा से बड़ा चौराहा से स्टेशन तक एक ही मुख्य मार्ग रहा है जो आज भी एक ही है। 50 वर्ष पहले जब आबादी बहुत कम होती थी और निजि साधन बिल्कुल भी थे लेकिन अब जब आबादी कई गुना बढ़ गई और निजी साधनों में 100 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर कुछ घरों में कोई वाहन नहीं है तो कुछ घरों में कई कई निजी वाहन हैं जिस के हिसाब से साधन 100 प्रतिशत बढ़े हैं और रोड मात्र वही जो 50 वर्ष पहले था उसकी चौड़ाई व लंबाई भी उतनी ही है जितनी साधन जीरो रहनें पर थी तो जाम का लगना स्वाभाविक है लेकिन इसका स्थाई हल किया जिना सरकार की जिम्मेदारी है अन्यथा जाम के कारण आम जन मानस का सड़क पर चलना दुर्लभ होजाएग।
❤️यह हैं जाम से बचने के उपाय।
आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में हर इन्सान को जल्दी बहुत है किसी के पास रास्ते में रुकने के लिए बिल्कुल भी समय नही इन हालात में जाम की स्थिति उत्पन्न होना एक बडी मुसुबत है। जाम के झाम से बचने के लिए आबादी व वाहनों को मद्देनजर रखते हुए सड़क को चौड़ा कर उस मे डिवाइडर बनाया जाना अतिआवश्यक । इस के अतिरिक्त नरहय्या व थाना चौराहा से मराठीपुरा बाईपासों को सही व मजबूत बनाया जाना भी जरूरी है ताकि इन सड़कों पर आवागमन होनें लगे जिस से मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक लोड कम हो सके । दिन में मलिकुआं चौराहा से ऊदल चौक तक ट्रैफिक को वन वे किया जाए तथा सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक मलिकुआं से स्टेशन तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहे तो शायद जाम के झाम से बचा जा सकता है।
❤️सड़क चौकड़ी न होनें के कारण।
विगत कई वर्षों से देखा गया है कि जब कभी मौदहा में सड़क चौड़ी करण का अभियान नाजायज इनक्रोचमेनट को हटाने का चलाया जाता है तो अभियान में बेचारे गरीब पटरी दूकानदारो के टीन टप्पर, तख्त आदि को हटा कर मात्र औपचारिकताऐं पूरी कर जिम्मेदार अपनी पीठ थपथपा लेते हैं और कुछ दिनों बाद वही दूकानदार उसी स्थान पर फिर पहुंच जाते है जहां से उन्हें पीछे किया जाता है। इस का स्थाई व न्याय पूर्वक इलाज यह है कि बड़े चौराहा से स्टेशन तक एक निर्धारित माप के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाए जो कुछ उस माप के अन्तर्गत आए उसे हटा कर फौरन पालिका या पी डब्ल्यू द्वारा हद मुकर्रर कर दी जाए ताकि दोबारा इन्क्रोचमेनट न हो सके तभी जाम से मौदहा को बचाया जा सकता है वर्ना जाम ऐसा वायरस है जिस से बच्चे, बूढ़े, अमीर गरीब, स्त्री-पुरुष, बीमार, स्वस्थ, नेता अभिनेता सभी प्रभावित होते हैं और घुटन महसूस करते हैं।