भारत की इनोवेशन संस्कृति को सुदूर कोनों तक ले जाते हमारे सीएसआर प्रोगराम

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नई दिल्ली।  हम सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की 54वीं स्थापना वर्षगांठ मना रहे हैं। यह इनोवेशन, संस्कृति और टेक्नॉलॉजी की हमारी विरासत का उत्सव है। पांच दशकों से अधिक समय से, हम लोगों को अपना जीवन बदलने में सक्षम बना रहे हैं क्योंकि सच्ची प्रगति तभी होती है जब हर व्यक्ति सशक्त होता है।
इस वर्ष भारत और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ भी है। हमने 1995 की सर्दियों में नई दिल्ली में एक छोटा सा कार्यालय खोला था। तबसे हम भारत की विकास यात्रा में एक प्रतिबद्ध भागीदार रहे हैं। आज भारत में सैमसंग के पास दो फैक्ट्री, पांच रीसर्च और डवलपमेंट केंद्र और एक डिजाइन केंद्र हैं। हमने नौकरियां पैदा की हैं और उन्नत टेक्नॉलॉजी के माध्यम से इनोवेशन की संस्कृति का निर्माण किया है। हम भारत की बुनावट का एक हिस्सा बनकर समाज को वापस देने के लिए तत्पर हैं।इस खूबसूरत देश में यह बहुत अद्भुत यात्रा रही है। न केवल भाषा, संस्कृति और भोजन के मामले में बल्कि जलवायु और इकोलॉजी के मामले में भी बहुत विविधता है। इस विविधता के अलावा, यह डेमोग्राफी है जो प्रेरणा देने का काम करती है। भारत की 50% से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है और 65% से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। और, यह युवा और उनकी इनोवेशन की अदम्य भावना है, जो देश के विकास को आगे बढ़ाएगी।वास्तव में प्रेरणादायक बात यह है कि युवा अपने आस-पास दिखने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। चूँकि ये समाधान उनके अपने जीवन के अनुभवों से आते हैं, इसलिए यह कई जिंदगियों को छूते हैं और इसलिए अधिक प्रभावशाली होते हैं।मैंने इसे पहली बार तब देखा जब हमने हाल ही में अपने फ्लैगशिप सीएसआर कार्यक्रम, सॉल्व फॉर टुमारो के दूसरे वर्ष का समापन किया। 25 युवा इनोवेटर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष 10 टीमें न केवल बड़े महानगरों से बल्कि भारत के कुछ दूरदराज के शहरों से भी आई थीं। वे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, असम के लखीमपुर और गोलाघाट, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, गुजरात के सूरत और अहमदाबाद, केरल के एर्नाकुलम से आए थे। इसके अलावा चेन्नई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से भी एप्लीकेशन्स आईं।
इस साल की शुरुआत में, लखनऊ विश्वविद्यालय के सैमसंग इनोवेशन कैंपस के छात्रों ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एआई, आईओटी, बिग डेटा, कोडिंग और प्रोग्रामिंग पाठ्यक्रमों में सर्टिफिकेट प्राप्त किया। इन छात्रों को, जिनमें से कुछ राज्य के दूर-दराज के गांवों से भी थे, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होते देखना मेरे लिए बहुत गर्व का क्षण था। सैमसंग इनोवेशन कैंपस कॉलेज और करियर के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास करता है।
हमारा मानना है कि भारत के सबसे छोटे कोने के युवाओं में असीमित क्षमता है। उनमें दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए विचार करने और इनोवेट करने की शक्ति है।
सैमसंग में, हमारा वैश्विक सीएसआर दृष्टिकोण ‘टुगेदर फॉर टुमॉरो! इनेबलिंग पीपल’ है। इस दृष्टिकोण के साथ, हम युवाओं को वैश्विक समस्याओं के लिए स्थानीय समाधान लाने में सक्षम बनाना चाहते हैं। हमारे सीएसआर कार्यक्रम ‘पॉवरिंग डिजिटल इंडिया’ के कॉर्पोरेट दृष्टिकोण से प्रेरित हैं। यहां हम भारत के युवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उन्हें स्मार्ट शिक्षा और अपस्किलिंग के साथ सशक्त बना रहे हैं।क सहायक समुदाय भी प्रदान करना था। ये तत्व अधिक लड़कियों को एसटीईएम में आगे बढ़ने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने और सशक्त बनाने के लिए आवश्यक हैं।

एसटीईएम भविष्य की भाषा है और हम उनमें से हर एक को सर्वोत्तम कौशल के साथ समर्थन देना चाहते हैं, विशेषकर युवा महिलाओं को। मैं उनकी यात्रा को देखने के लिए उत्साहित हूं। मुझे विभिन्न युवा महिलाओं के अनुभवों के बारे में बताया गया है जिन्हें सैमसंग इनोवेशन कैंपस से लाभ हुआ है।
उदाहरण के लिए, विशाखापत्तनम में हमारे सैमसंग इनोवेशन कैंपस की छात्रा मेदापति विजया, रोलिंग ब्रिज पर अपने सिविल इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स में अपनी एआई सीख का उपयोग कर रही हैं। इसी तरह, उनकी सहपाठी प्रीति वास्तविक समय की परियोजनाओं में एआई को लागू कर रही हैं ताकि जब वे कॉलेज से बाहर निकलें, तो उद्यमशीलता की मानसिकता के साथ तैयार हों। ये युवा महिलाएं सैमसंग इनोवेशन कैंपस की मदद से एसटीईएम के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।

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