Thursday, May 2, 2024
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टोरेंट पावर आगरा व नोएडा पावर कंपनी  के खिलाफ 3 सदस्यीय उच्चस्तरीय जाँच कमेटी ने सौपी अपनी रिपोर्ट

सरकार के निर्देश पर बनी टोरेंट पावर आगरा व नोएडा पावर कंपनी  के खिलाफ 3 सदस्यीय उच्चस्तरीय जाँच कमेटी ने सौपी अपनी रिपोर्ट दोनों निजीघरानो में मचा हड़कंप
टोरेंट पावर कंपनी पर उपभोक्ता परिषद् की शिकायत सही अनुबंध के शर्तो के अनुसार टोरेंट पावर आगरा ने एग्रीग्रेटे टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस ( एटीएंडसी हानिया ) नहीं कर पायी कम और न वसूल कर पायी पुराना बकाया जो बढ़कर पंहुचा जून 2020 तक 2221 करोड़
नोएडा पावर कंपनी के खिलाफ जाँच करने हेतु सरकार से जाँच कमेटी ने उठाई मांग कहा पावर कार्पोरेशन नहीं कर सकती जाँच सरकार ले निर्णय
टोरेंट पावर आगरा के ऊपर गंभीर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जाँच कमेटी ने उसकी विस्तृत जाँच किसी थर्ड पार्टी ऑडिट  सी0ए0 फर्म से कराने की सिपारिश की है
प्रदेश में निजीकरण आसान नहीं कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार के सामने बड़ा सवाल

प्रदेश  के ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण को लेकर आज उपभोक्ता परिषद् बड़ा खुलाशा करने जा रहा है  जिससे प्रदेश में  बिजली निजीकरण की राह अब बहुत कठिन हो गयी है  प्रदेश में निजीकरण के दोनों प्रयोग नोएडा पावर कंपनी व टोरेंट पावर आगरा के सम्बंद में उपभोक्ता परिषद् की शिकायत पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीश्रीकांत शर्मा के निर्देश में बनी 3 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी जाँच रिपोर्ट पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को सौप दी है जिसमे टोरेंट पावर आगरा के ऊपर गंभीर सवाल उठाते हुए उसकी विस्तृत जाँच थर्ड पार्टी ऑडिट  किसी सी0ए0 फर्म से कराने की सिपारिश की है आगरा का निजीकरण का मुख्य कारण अधिक  एग्रीग्रेटे एग्रीग्रेटे टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस ( एटीएंडसी हानिया ) थी जिसे अनुबंध की शर्तो के अनुसार 31 मार्च 2017 तक टोरेंट पावर को 15 प्रतिशत पर लाना था और नहीं ला पायी और पुराना बकाया भी नहीं वसूल सकी जिसका खुलाशा होते ही हंगामा मचा है । वही दूसरी ओर नोएडा पावर कम्पनी को वितरण कम्पनी बताते हुए कहा है की पावर कार्पोरेशन खुद एक कंपनी है वह इसकी जाँच नहीं कर सकती इसलिए इसकी जाँच सरकार  कराए सब मिलकर अब सरकार को नोएडा पावर कंपनी के खिलाफ जाँच बैठानी होगी गौरतलब है उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने ने 13 जनवरी 2020 को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मिलकर टोरेंट पावर कंपनी व नोएडा पावर कंपनी पर गंभीर आरोप लगते हुए एक प्रस्ताव सौपकर जाँच कराने की मांग उठाई थे और कहा था सरकार को  दोनों निजी घरानो की जाँच कराकर यह पता लगाना चाहिए की इससे उपभोक्ताओ का क्या फाय हुवा और अनुबंध की शर्तो का पालन हुवा या नहीं  जिसपर ऊर्जामंत्री के निर्देश पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने निदेशक वाणिज्य पावर कार्पोरेशन की अध्यक्षता में एक 3 सदसीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट आते ही हंगामा मचा है दोनों निजी घराने अपनी लॉबिंग में लगे है अब देखना यह है की प्रदेश सरकार कया निर्णय लेती है लेकिन यह कहना उचित होगा जिस समय यह रिपोर्ट आयी वह समय बहुत महत्वपूर्ण है प्रदेश में निजीकरण आसान नहीं होगा ।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश  कुमार वर्मा ने कहा अब सबसे बड़ा सवाल यह है की टोरेंट पावर आगरा जिसके सम्बन्ध में जाँच कमेटी ने बड़ा खुलाशा किया है और उपभोक्ता परिषद् द्वारा उठाये गये मुद्दे सच साबित हुए है जाँच रिपोर्ट में यह खुलाशा हुवा है की टोरेंट पावर कम्पनी को आगरा सहर में अप्रैल 2010 तक जो उपभोक्ताओ के ऊपर कुल पुराना बकाया रुपया 1677 करोड़ था और उसे वसूल कर बिजली कंपनी दक्षिणांचल को वापस करना था उसमे से मात्रा 52 करोड़ 44 लाख वापस किया अब कुल बकाया  बढ़कर जून 2020 तक 2221 करोड़ हो गया है जो  एग्रीग्रेटे टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस ( एटीएंडसी हानिया ) 31 मार्च 2017 तक 15 प्रतिशत पर लाना था वह 31 मार्च 2017 को 27.21  प्रतिशत थी और 31 मार्च 2019 को वह 17.06  प्रतिशत पर पहुंची यानी 15 प्रतिशत पर आज भी नहीं पंहुचा ऐसे में अनुबंध की शर्तो का उलघन हुवा । वही जाँच रिपोर्ट में कमेटी ने टोरेंट पावर द्वारा वसूल किए गये रेगुलेटरी सरचार्ज की भी छानबीन की बात कही गयी है ।  अब देखना यह है की सरकार आगे क्या निर्णय लेती है और दक्षिणांचल बिजली कंपनी क्या आगे भी महगी बिजली  रुपया 5.26 प्रति यूनिट मे खरीद कर टोरेंट पावर को रुपया 4.45 प्रति यूनिट में बेचकर हर साल अपना घटा रुपया 162 करोड़ बढ़ाएगा और उसका खामियाजा जनता भुगतेगी ।
उपभोक्ता परिषद् ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा की पावर कार्पोरेशन को यह कहने में 7 माह क्यों लग गये की नोएडा पावर कंपनी खुद एक वितरण कंपनी है उसकी जाँच पावर कार्पोरेशन नहीं कर सकता सरकार उस पर जाँच कमेटी बिठाए यह भी गंभीर मामला है और इसकी जाँच होना बहुत जरूरी क्यों की निजीघरानी अपनी जाँच न हो के लिए हर तरह लाबिंग करते है सरकार अबिलम्ब जाँच बिठाए ।

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