बिना खाद्य लाइसेंस के चल रहे हैं 110 शराब खानें।

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अवधानामा जिला संवाददाता हिफजुर्रहमान

शासन को पत्र भेजकर की गई शिकायत बैठकर रही बेनतीजा।

मौदहा की तीन दुकानों का चालान कर पेश किया कोर्ट में।

हमीरपुर : प्रदेश सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एफएसडीए) में अल्कोहल भी शामिल किया है। इसके चलते शराब के थोक और फुटकर विक्रेताओं के लिए खाद्य लाइसेंस जरूरी कर दिया है। लाइसेंस नहीं बनवाया तो शराब नहीं बेच सकेंगे। इसके बाद भी जिले में 110 शराब की दुकानें बिना खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस लिए संचालित हैं। दोनों विभागों में सहमति न बनने से शासन के आदेशों पर अमल नहीं हो रहा है।बताते चलें कि जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग से बिना लाइसेंस लिए 110 सरकारी शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं। जिससे हर साल शासन का हजारों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने आबकारी विभाग की लापरवाही की लिखित शिकायत शासन को भेजी है। वहीं विभाग ने हाल में तीन शराब की दुकानों का चालान कर मामले को एसडीएम कोर्ट में पेश किया है। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त राम अवतार यादव ने बताया कि जिले में 280 अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें संचालित है। शासन के सख्त आदेश हैं कि हर शराब की दुकान संचालक को हर साल मार्च माह में ही खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस लेना होगा। इसका शुल्क दो हजार रुपए वार्षिक निर्धारित किया गया है। शासनादेश लागू हुए दो साल से ज्यादा बीत चुका है। जिसमें मशक्कत के बाद 170 दुकानों ने खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस बनवाया है। शेष प्रतिष्ठानों के लिए जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद आबकारी विभाग हीला हवाली कर रहा है सहायक आयुक्त ने बताया कि आबकारी विभाग के साथ कई बैठके भी की गई है मगर नतीजा कुछ नहीं निकला। जबकि शासन के सख्त आदेश है कि बिना लाइसेंस लिए विक्रेता को गोदाम से शराब न दी जाए। वहीं बिना लाइसेंस के दुकान चलाने पर एक लाख तक का जुर्माना करने का प्रावधान है। इसे लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने मौदहा क्षेत्र के फतेपुरवा अंग्रेज शराब व भमई गांव स्थित देसी शराब की दुकान समेत तीन दुकानों का चालान कर मामले को एसडीएम अरुण कुमार मिश्रा की कोर्ट में पेश किया है। इधर जिला आबकारी अधिकारी अवधेश राम का कहना है कि मामले को सभी दुकानदारों को अवगत करा दिया गया है।

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