हज़रत अली पर बयान को लेकर अपनों के भी  निशाने पर योगी 

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काज़िम रज़ा शकील 

लखनऊ : मध्य प्रदेश में एक सभा में हज़रत अली  और बजरंगबली वाले बयान में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिम धर्मगुरुओं के बाद अब अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के लोगों ने भी मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा की है।भाजपा के सबसे करीबी माने जाने वाले मौलाना यासूब अब्बास ने सबसे पहले मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा करते हुए मुसलामनों से माफ़ी मांगने की मांग की थी उसके बाद मौलाना कल्बे जवाद , मौलाना सैफ अब्बास समेत कई धर्मगुरुओं , संस्थाओं ने भी निंदा की है।इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद ने कहा की इस तरह के बयान नहीं आने चाहिए धार्मिक हस्तियों पर बयान से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता है मुख्यमंत्री को यह बयान नहीं देना चाहिए।

अब केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी की बहन माहिरा नक़वी , भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कोषाध्यक्ष तनवीर हैदर , मीडिया प्रभारी अमील शम्सी , समर हैदर अज़मी   , भाजपा के पुराने नेता कब्बन नवाब आदि ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ सोशल पर मोर्चा खोल दिया है लेकिन उत्तरप्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष  हैदर अब्बास चाँद ने बाबरी मस्जिद पर तो बयान दे दिया था कि मस्जिद नहीं थी लेकिन इस मसले पर उनकी ख़ामोशी से कुछ कार्यकर्ता नाराज़ हैं जहां तक हज़रत अली अस का मामला है मुसलमानों के  सभी फ़िरक़े हज़रत अली पर सहमत है  सूत्रों के अनुसार भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से शीघ्र ही मिलकर अपनी बात रखेगा और कहेगा की हज़रत अली को सियासी न बनाया जाय। ऐसा इसलिए समझा जा रहा है क्योंकि डॉ दिनेश शर्मा हज़रत अली अस और इमाम हुसैन अस में काफी श्रद्धा रखते है और सभी सम्प्रदाय को जोड़ रखने में डॉ दिनेश शर्मा की काफी सराहनीय भूमिका है। वहीं मंत्री मोहसिन रज़ा और एम एल सी बुक्कल नवाब जैसों की ख़ामोशी लोगों में चर्चा का विषय है।वही मंत्री मोहसिन राजा के ओ ऐस डी हसन वसीम ने भी सोशल वेबसाइट पर टिप्पड़ी की.
 केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी की बहन माहिरा नक़वी ने लिखा है कि पार्टी में रहने का मतलब यह नहीं की हम अपने मौलान अली अस  को कुछ कहलवा लें हम सब को जोड़ने की बात कर रहे हैं मगर योगी जी आपने तो तो हमको ही तोड़ दिया। अगर अमील शम्सी की पोस्ट पर गौर करें तो उन्होने एक तरह से चेतावनी ही दे डाली वह लिखते हैं जिसको अली से बैर हमको उससे बैर फिर चाहे वह कोई  हो हम अली के चाहने वाले हैं और सही को सही गलत को गलत बोलने की ताक़त रखते हैं।  कोषाध्यक्ष तनवीर रिज़वी की पोस्ट है “हम शियाने अली हैं मौला अली हमारे पहले इमाम हमारी मान्यताओं के प्रतीक हम इनको छोड़ नहीं सकते बताइये हम क्या करें ?? मुख्यमंत्री जी। सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलक्र हज़रत अली के समय में हुकूमत , उनकी शुजाअत और हज़रत अली ने अपने गवर्नर मालिके अश्तर को जो पत्र लिखा था उससे अवगत करते हुए उसकी प्रति भी देंगे।
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