BRIJENDRA BAHADUR MAURYA
राजधानी में गंदगी के बीच संवारा जा रहा है बचपन…..
लखनऊ विकास नगर शंकर पुरवा सेक्टर 14 प्राथमिक विद्यालय न पानी न बिजली न शौचालय जहां 15 दिन से बच्चे प्यासे है एक अभिभावक ने बताया बच्चों को अब स्कूल भेजने का मन भी नही करता आस पास कूड़े का ढेर लगा रहता है खुला नाला बजबजा रहा है दुर्गंध की वजह से वहां पढ़ाई करना मुश्किल है बच्चे बीमार पड़ रहे है सुध लेने वाला कोई नही है,क्योंकि दूषित जगह पर खाना भी पड़ता है।
पानी की कोई व्यवस्था नही है विद्यालय परिसर में आवारा जानवर घूमते रहते है विद्यालय में दीवार भी नही है, हैंडपंप दिखावे के लिए लगा है,पानी की टंकी रखी है सिर्फ दिखावे के लिए पर मोटरपंप न होने की वजह पानी नही रहता है,बताता चलूं दो वर्ष पहले मैंने जिलाधिकारी महोदय को जन सूचना पोर्टल पर यह समस्या मैंने खुद भेजी थी, जांच हुई बजट का हवाला देकर सब टॉय टांय फिस हो गया,जहाँ विकास नगर में विद्यालय के आसपास आलीशान मकान बने है वहीं पर यह हाल है बच्चों का ,स्वक्ष भारत मिशन की धज्जियां उड़ रही ऐसी स्वक्षता किस काम की,जब बचपन ही गंदगी के बीच गुजरने पर मजबूर हो?? क्या लचर शिक्षा व्यवस्था में बच्चों का भविष्य सुधारा जा सकता है?
https://www.youtube.com/watch?v=WibAR5bvXQM