महिला और बाल विषयो पर किताबें ही किताबें
विधानसभाध्यक्ष ने की पुस्तकों पर चर्चा
लखनऊ,। ‘होम डेकोरेशन और रेसिपी बुक के अलावा मुझे अपनी मनपसंद लेखिका शिवानी, अमृता प्रीतम और शरद सिंह की किताबें लेनी हैं।’- कहना पुस्तक मेले में आई डा.रचना का था। ग्रुप में आई एक कालेज छात्रा तन्विषा कहती हैं- ‘मैं तो सचमुच हैरान रह गई। लेडी आॅथर भी हमारे इण्डिया में खूब हैं और खुलकर लिख रही हैं। महिलाओं को लेकर राइटिंग वर्क विश्वास करें अब बहुत अच्छा हो रहा है।’ यहां संगीत नाटक अकादमी गोमतीनगर में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ थीम पर चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला अगर महिला सशक्तीकरण को समर्पित है तो यहां सजे लगभग 72 स्टालों की किताबें और उनमें काले अक्षरों में उभरे शब्द इसकी तस्दीक करते हैं।
मेला संयोजन मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि पुस्तक मेले में लगभग सभी प्रकाषकों के पास महिला लेखिकाओं, महिला विषयों पर नई-पुरानी किताबें बहुत हैं। अगर देखा जाए तो आधे से ज्यादा सामग्री महिला और बाल विषयों पर ही होगी। आशापूर्णा देवी, कृष्णा सोबती, तस्लीमा नसरीन, अलका सरावगी, उषा प्रियम्वदा, किरण बेदी, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चैहान, नासिरा शर्मा, ममता कालिया, मैत्रेयी पुष्पा, अरुंधति राॅय, इंदिरा दांगी, मृदुला गर्ग, चित्रा मुदगल जैसी कितनी ही लेखिकाएं हैं जिनकी किताबें पाठकों की मांग की बदौलत फिर-फिर छपकर आ रही हैं। लेखिकाओं की किताबें सुभाष पुस्तक भण्डार के साथ ही अन्य स्टालों पर हैं।
मेले का आज तीसरा दिन था और छुट्टी का दिन होने के नाते लोगों की आमद सुबह से ही शुरू हो गई थी। मेले के साथ चल रहे अंकुरम शिक्षा महोत्सव में यहां साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों की बदौलत बाल व नवयुवाओं की भीड़ बहुत रही। दोपहर बाद अन्य जिलों से आए बच्चों और युवाओं की रंगबिरंगी प्रस्तुतियां मंच पर छायी रहीं। इससे पहले बस्ती के सरकारी विद्यालयों के बच्चों नीरज, अनीता, विद्या, लक्ष्मी, रानी व रोशनी काव्यपाठ व नृत्य प्रस्तुत किया। इनके साथ ही अदिति सिंह, वंशिका, अकक्षिता, सुहानी, व रूबल की नृत्य प्रस्तुतियां हुईं। मेले में आज शाम प्रयास रूपल द्वारा रचित व मां शकुंतला श्रीवास्तव को अर्पित पुस्तक ‘वो लटक बाल’ का लोकार्पण आन लाइन गाथा के स्टाल पर न्यायाधीश व संयुक्त निबंधक ज्ञानेशकुमार ने किया।
आज सांस्कृतिक मंच पर कार्यक्रमों की शुरुआत सहज योग कार्यक्रम से हुई। यहां कर्नल चक्रवर्ती और डा.एससी मित्तल ने सहज योग के संग ही कुण्डलिनी जागरण से आत्मसाक्षात्कार के बारे में बताया।
हरिओम शर्मा की पुस्तकों ‘जागो उठो चलो’ और ‘12 महीने 365 दिन’ पर चली संगोष्ठी में मुख्यअतिथि के तौर पर अब तक 28 किताबें लिख चुके विधानसभाध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने शब्द ब्रह्म की चर्चा के साथ अनेक पौराणिक उद्धहरण रखते हुए कहा कि जीवन में तमाम अंतर्विरोध आते हैं और उनका निराकरण हमें ग्रंथों में मिल जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर वैदिक काल के कठोपनिषद आदि ग्रंथ जो संदेश देते हैं वही शर्माजी की ये पुस्तकें भी देती हैं। पीआर पाण्डेय के संचालन व रमा आर्य राम की अध्यक्षता में चली परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी, संजय सिंह श्रीवास्तव, फोटो जर्नलिस्ट एसएम पारी, प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया, उमानन्द शर्मा व उमेशचन्द्र तिवारी इत्यादि ने भाग लेते हुए पुस्तकों को उपयोगी बताया। कृषि और दुग्ध उत्पादन में रोजगार की संभावनाओं पर हुई परिचर्चा में हिमांशु गंगवार, राघवेन्द्र श्रीवास्तव, रामशरण वर्मा, कर्नल सुभाश देशवाल और आईकेयर इण्डिया के मिशन प्रमुख अनूप गुप्ता ने विचार व्यक्त करते हुए परम्परागत तौर-तरीकों के साथ नई तकनीकों के प्रयोग को जरूरी बताया। शाम को सदानन्द तत्वज्ञान परिषद के सत्संग में महात्मा कमलजी ने जीवन में सादगी और सच्चाई अपनाने पर बल देते हुए जीवात्मा और परमात्मा की बात रखी। ओपेन माइक सेशन में अंकित, रवि, प्रांशु, चिन्मय, हितेश ने आदि की प्रतिभा सामने आई।
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